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fake cmo officer caught gujarat Photograph: (the sootr)
प्रदेश में धोखाधड़ी की बाढ़ सी आ गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक और शख्स का पर्दाफाश हुआ है। वह खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय में 20 साल से काम करने वाला अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहा था। इससे पहले फर्जी पुलिस, डॉक्टर, जज और आर्मी अफसर बनकर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं, अब फर्जी सीएमओ अधिकारी बनकर ठगी का एक और मामला सामने आया है। इस बार आरोप एक ऐसे शख्स पर लगा है जिसने अपने पद का दुरुपयोग कर लोगों से लाखों की ठगी करने की कोशिश की।
फर्जी अधिकारियों का नेटवर्क
गुजरात में पिछले कुछ समय से फर्जी अधिकारियों का एक नया नेटवर्क पनप रहा है। ये लोग सरकारी दफ्तरों, पुलिस, न्यायपालिका और अब तो मुख्यमंत्री कार्यालय की भी फर्जी पहचान बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। सत्ता के नाम पर लोग किस तरह बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसका एक उदाहरण नितेश चौधरी का मामला है। मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम का इस्तेमाल करके उसने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को भी ठग लिया।
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डिप्टी कलेक्टर ने खोली पोल
नितेश चौधरी की धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब उसने नवसारी के डिप्टी कलेक्टर से 40 लाख रुपए की मांग की। चौधरी ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का फर्जी सीएमओ बताकर अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन डिप्टी कलेक्टर ने सजगता दिखाते हुए उसकी असलियत पता कर ली और मामले की जांच की, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
नितेश चौधरी की धोखाधड़ी की साजिश
सूरत जिले के बारडोली के मढ़ी गांव निवासी नितेश चौधरी ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताया। उसने जमीन विवाद के एक मामले में 40 लाख रुपए की मांग कर सरकारी कार्रवाई में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। पूरी साजिश बड़ी चालाकी से रची गई थी, लेकिन डिप्टी कलेक्टर की सतर्कता से धोखाधड़ी नाकाम हो गई।
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गिरफ्तारी के बाद जांच शुरू
पुलिस ने नितेश चौधरी को गिरफ्तार कर मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की ठगी का नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर ठगी करने वाले नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। अब पुलिस ने उसकी पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जांच तेज कर दी है और इस मामले में अन्य लोगों के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है।