Pune Porsche Accident Case: पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस के मामले में नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में डॉक्टर अजय तावरे और श्रीहरि हलनोर को सस्पेंड कर दिया गया है। अभी दोनों डॉक्टर जेल में हैं। वहीं ससून अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है।
27 मई को हुए थे गिरफ्तार
डॉ. तावरे, डॉ. हलनोर और एक स्टाफ अतुल घाटकांबले को 27 मई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों आभी तक पुलिस हिरासत में हैं। तीनों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को डस्टबिन में फेंककर किसी और के ब्लड सैंपल के आधार पर मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें शराब का अंश नहीं था।
डॉ तावरे ने दिया था ब्लड सैंपल बदलने का आइडिया
पुलिस ने बताया कि आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने का आइडिया डॉ. तावरे का था। घटना के बाद 19 मई को नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और डॉ तावरे के बीच 14 बार फोन पर बातचीत हुई थी। विशाल ने अपने बेटे को बचाने के लिए डॉक्टर से मदद मांगी। जिसपर तावरे ने ब्लड सैंपल बदलने का आइडिया बताया था और उसने आरोपी का ब्लड सैंपल किसी और से बदलवा दिया, ताकि जांच में शराब पीने की बात सामने न आए।
3 लाख रुपए दिए थे ब्लड सैंपल बदलने के लिए
ब्लड सैंपल बदलने के लिए डॉ. तावरे ने डॉ. हलनोर और घाटकांबले को 3 लाख रुपए दिए थे। डॉ. तावरे ने ये रुपए अपनी जेब से दिए या किसी और से लेकर दिए, इसकी जांच की जा रही है। साथ ही आरोपी का ब्लड सैंपल किसके ब्लड सैंपल से बदला गया, यह भी पता लगाया जा रहा है।
छुट्टी पर भेजे गए अस्पताल के डीन
डॉ. तावरे ससून सिविल अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट का प्रमुख और डॉ. हलनोर चीफ मेडिकल ऑफिसर था। जो कि अभी जेल में हैं। वहीं अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनकी जगह डॉ. चंद्रकांत म्हस्के को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। डॉ. चंद्रकांत पुणे के बारामती स्थित पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी सरकारी मेडिकल कॉलेज में डीन हैं।
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19 मई की है घटना
घटना पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को हु्ई थी। नाबालिग ने अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। नाबालिग रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है। कोर्ट ने उसे सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था। नाबालिग इस समय सुधार गृह में है।