Pune Porsche Accident Case: पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर को धमकाया और उसे घर नहीं जाने दिया।
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ड्राइवर ने की पुलिस कंप्लेंट
ड्राइवर ने सुरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट दायर की है, जिसके आधार पर सुरेंद्र अग्रवाल पर अपहरण के भी चार्ज लगाए जाएंगे।
पुणे पुलिस प्रमुख दी जानकारी
पुणे पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने कहा था कि यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि कार ड्राइवर नहीं चला रहा था।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एक्सीडेंट के बाद नाबालिग के दादा और पिता ने ड्राइवर का फोन कथित तौर पर ले लिया, उसे 19 मई से 20 मई तक उनके बंगले के परिसर में बंधक बनाकर रखा। ड्राइवर की पत्नी से उसे छुड़ाया।
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इन धाराओं में हुआ केस दर्ज
पुलिस ने किशोर के दादा और पिता के खिलाफ IPC की धारा 365 (किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण करना) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या कैद में रखना) के तहत एक अलग केस दर्ज किया है।
आरोपी के दादा-पिता समेत अब तक 7 गिरफ्तार
मामले में आरोपी के दादा और पिता सहित अब तक 7 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें 5 लोग दो पब के मालिक, मैनेजर और स्टाफ हैं। इनकी पहचान कोजी रेस्टोरेंट के मालिक प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर और नितेश शेवानी शामिल हैं। इन पर नाबालिग आरोपी को शराब परोसने का आरोप है।
नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा
इससे पहले शुक्रवार को नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने 14 दिनों ( 5 जून तक ) की न्यायिक हिरासत में सुधार गृह में भेज दिया था। नाबालिग रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है। पुलिस पहले ही विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें कोर्ट ने 24 मई दिन शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
19 मई की है घटना
पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को नाबालिग ने अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी।
दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
पुलिस ने दावा किया है कि नाबालिग नशे की हालत में कार चला रहा था। बाद में नाबालिग को जमानत मिल गई। इसके बाद मामले ने देशभर में सुर्खियां बटोरी और पुलिस को खूब आलोचना मिली। इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से कार्रवाई शुरू की। शुक्रवार को ही लापरवाही के आरोप में दो पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया।