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हर साल देश भर के लाखों लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेकर क्लेम करते हैं, लेकिन कई लोगों के क्लेम मंजूर नहीं होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, लोगों को अपने अधिकार और जरूरी नियमों की पूरी जानकारी न होना।
हेल्थ इंश्योरेंस केवल इलाज के खर्च से राहत पाने का साधन नहीं है। बल्कि यह यूजर का कानूनी हक और सुरक्षा कवच भी है।अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि किन परिस्थितियों में क्लेम किया जा सकता है।
साथ ही किन कारणों से कंपनी आपका क्लेम ठुकरा सकती है। अगर आपके साथ अन्याय हो तो शिकायत कहां और कैसे की जा सकती है।
इन 5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला?
बीमा पॉलिसी में छिपा रीजनेबल एंड कस्टमरी क्लॉज इलाज के खर्च पर असर डालता है।
अक्सर इलाज के बाद क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, भले ही सारे दस्तावेज सही हों।
इंश्योरेंस कंपनी वही खर्च क्लेम करती है, जो उसे सही लगता है।
ग्राहक को इलाज के बाद पूरा पैसा न मिलने पर परेशानी होती है।
क्लॉज को समझना और अस्पताल या कंपनी से सही जानकारी लेना जरूरी है।
रीजनेबल एंड कस्टमरी क्लॉज क्या है?
अगर आपको लगता है कि हेल्थ इंश्योरेंस से इलाज का पूरा पैसा मिल जाएगा, तो थोड़ा रुकिए। पॉलिसी में रीजनेबल एंड कस्टमरी नाम का क्लॉज होता है। इसमें बीमा कंपनी यह तय करती है कि Medical में जो खर्च हुआ है, वो सामान्य है या नहीं। अगर कंपनी को लगता है कि बिल ज्यादा है या जरूरत से ज्यादा दिन अस्पताल में रुके, तो वह Claim Rejection रोक सकती है।
क्लॉज कैसे काम करता है?
मान लीजिए, एक मरीज गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के इलाज के लिए भर्ती हुआ। इलाज के बाद 25,000 रुपए का बिल आया। मगर बीमा कंपनी कह सकती है कि भर्ती होना जरूरी नहीं था, और क्लेम रिजेक्ट कर सकती है। इसी तरह, अगर किसी सर्जरी में सामान्य खर्च 5 लाख रुपए है, और मरीज ने 15 लाख का क्लेम किया, तो कंपनी सिर्फ उचित रकम ही पास करेगी।
क्या करें क्लेम रिजेक्शन से बचने के लिए?
इलाज से पहले पॉलिसी और क्लॉज की जानकारी लें।
अस्पताल के बिल और इलाज का तरीका समझें।
डॉक्टर की राय जरूरी है, दूसरे डॉक्टर से भी सलाह लें।
डिस्चार्ज समरी और मेडिकल रिपोर्ट का ध्यान रखें।
नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराना नुकसान कम करता है।
मरीजों के अनुभव से सीखें
कई बार देखा गया है कि लोगों को इलाज के लिए Health Insurance Claim की रकम का पूरा क्लेम नहीं मिलता। वजह होती है- रीजनेबल एंड कस्टमरी क्लॉज। ग्राहक सोचते हैं, इलाज हुआ तो पैसा मिलेगा। मगर पॉलिसी की शर्तें उन्हें परेशानी में डाल देती हैं। इसलिए बीमा पॉलिसी होल्डर पॉलिसी लेते समय या इलाज के दौरान सभी जानकारियों को समझें।
क्यों जरूरी है क्लॉज को समझना
अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस क्लॉज के नियमों को नजरअंदाज करेंगे, तो इलाज के बाद क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। जानकारी न होने पर बजट बिगड़ सकता है। बेहतर होगा कि इंश्योरेंस एजेंट या कंपनी से नियम पूछ लें। अस्पताल से भी खर्च का साफ विवरण लें।
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