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hindu-dharm-se-bahar-rahul-gandhi Photograph: (thesootr)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी अब एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद ने उनका नाम लिया है और उन्हें हिंदू धर्म से बाहर किए जाने की धमकी दी है।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने हाथरस रेप पीड़िता के परिवार के संदर्भ में संसद में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मनुस्मृति का हवाला दिया था। इस बयान के बाद साधु-संतों की नाराजगी बढ़ गई और धर्म संसद ने राहुल से माफी की मांग की है।
राहुल का बयान फिर बना विवाद का कारण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता rahul gandhi का हाल ही में दिया गया बयान अब एक विवाद का कारण बन गया है। राहुल ने संसद में हाथरस की रेप पीड़िता के परिवार का दर्द बयां करते हुए कहा था कि रेप के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि पीड़िता का परिवार पुलिस के पहरे में कैद है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि पीड़िता का परिवार अपने घर में बंद है और आरोपी बाहर घूम रहे हैं, जो कि संविधान के खिलाफ है।
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महाकुंभ में धर्म संसद ने किया निंदा प्रस्ताव पास
rahul gandhi के इस बयान ने साधु-संतों को नाराज कर दिया। खासतौर पर राहुल के मनुस्मृति पर दिए गए बयान से वे भड़क गए। इसके बाद प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की धर्म संसद ने एक निंदा प्रस्ताव पास किया, जिसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल गांधी को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि या तो राहुल गांधी माफी मांगें या फिर उन्हें हिंदू धर्म से बाहर कर दिया जाएगा।
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राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे हैं कई केस
धर्म संसद का यह बयान एक गंभीर मोड़ लेता हुआ नजर आ रहा है। सवाल उठता है कि क्या rahul gandhi माफी मांगेंगे या धर्म संसद अपने फैसले पर अडिग रहेगी। हालांकि, राहुल के रुख को देखते हुए यह संभावना कम ही नजर आती है कि वह माफी मांगेंगे। उनके ऊपर कई मानहानि के मुकदमे पहले से चल रहे हैं, और ऐसे में माफी से वह इन मुकदमों से निजात पा सकते थे, लेकिन उनका माफी न मांगना दिखाता है कि वे इस मामले में भी अडिग रह सकते हैं।
इस विवाद के बाद राजनीतिक रूप से भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या धर्म संसद का यह फैसला संवैधानिक रूप से सही है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैसला एक प्रतीकात्मक कदम हो सकता है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव भारतीय संविधान पर नहीं पड़ेगा।