जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे भारतीय उड़ानों पर सीधा प्रभाव पड़ा है। गुरुवार शाम छह बजे के बाद से भारतीय विमानों को पाकिस्तानी एयरस्पेस से गुजरने की इजाजत नहीं दी गई है।
हवाई यात्राओं पर तत्काल प्रभाव
पाकिस्तान के इस फैसले के चलते भारतीय विमान कंपनियों को अपनी उड़ानों के रूट डायवर्ट करने पड़े। कई विमानों को तुरंत भारत वापस बुलाना पड़ा। यह कदम भारतीय विमानन उद्योग पर तत्काल दबाव डाल रहा है।
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डायवर्टेड उड़ानों का उदाहरण...
- एयर इंडिया (Air India) की दिल्ली-लंदन उड़ान को मुंबई से होकर भेजा गया।
- विस्तारा (Vistara) की उड़ानों को अतिरिक्त ईंधन भरवाकर रवाना किया गया।
दिल्ली और उत्तर भारत के हवाईअड्डों पर असर
दिल्ली, लखनऊ और अमृतसर जैसे एयरपोर्ट से उड़ने वाले विमानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। यहां से यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिका जाने वाली उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ रहा है।
लंबी दूरी की उड़ानों पर बढ़ेगा खर्च...
- ईंधन की खपत बढ़ेगी।
- उड़ान का समय लंबा होगा।
- लैंडिंग चार्जेस और अन्य परिचालन खर्च बढ़ेंगे।
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खर्च बढ़ने के साथ ये होंगे असर...
यात्रियों को महंगी टिकटें खरीदनी पड़ सकती हैं।
- कंपनियों को अतिरिक्त पायलटों की जरूरत पड़ सकती है।
- 2019 में भी किया था एयरस्पेस बंद
2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद किया था। तब भारतीय एयरलाइंस को लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
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एयरस्पेस बंद होने भारत-पाकिस्तान दोनों को नुकसान...
भारत को नुकसान...
पाकिस्तान को नुकसान
विदेशी एयरलाइनों को लाभ
दिल्ली से उड़ने वाली विदेशी एयरलाइंस पाकिस्तान का एयरस्पेस इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे उनके खर्च नहीं बढ़ेंगे। इस स्थिति में वे भारतीय एयरलाइंस की तुलना में सस्ती सेवाएं दे सकती हैं।