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New Delhi. मध्यप्रदेश में जहरीली कफ सिरप Coldrif Syrup के कारण अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले ने देशभर में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस घटना के बाद कड़ी कार्रवाई की है और देशभर में सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच करने का निर्णय लिया है। CDSCO ने इन कंपनियों के उत्पादन प्रक्रिया और दवाओं की क्वालिटी की जांच करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सिरप बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट मांगी है।
CDSCO की सख्त कार्रवाई
CDSCO ने इस मामले पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए तीन कफ सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बाजार में बिक्री पर रोक लगा दी है। इन सिरपों को लेकर जांच की जा रही है कि क्या इनमें किसी तरह की खतरनाक सामग्री या घटक हैं, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इसके साथ ही, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने सभी राज्यों को आदेश दिया कि दवा बनाने से पहले कच्चे माल और तैयार दवाओं की टेस्टिंग जरूर की जाए।
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कंपनियों की लापरवाही और जांच की प्रक्रिया
कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि कुछ दवा कंपनियां परीक्षण में लापरवाही बरत रही थीं, जिससे न केवल दवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि बाजार में बेचने के लिए आपत्तिजनक उत्पाद भी तैयार हो रहे थे। CDSCO की यह जांच यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न घटें और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्र सरकार ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े नियम लागू करने का वादा किया है। सरकार का कहना है कि वे दवा कंपनियों की गतिविधियों पर पूरी नजर रखेंगी और उन्हें हर तरह से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके साथ ही, CDSCO ने कहा है कि वे सिरप और अन्य दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी जारी रखेंगे।
शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है SC
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को जनहित याचिका पर सुनवाई कर सकता है। वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर की है, जिसमें राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई से विशेषज्ञ समिति द्वारा जांच कराने की मांग की गई है।
अब तक कोई राज्य पूरी तरह से सुधारात्मक और निवारक कार्रवाई (CAPA) गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाया है। यह गाइडलाइन दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बनाई गई है।
सरकार के आदेश पर 18 राज्यों के ड्रग डिपार्टमेंट ने ऑनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम (ONDLS) पर रजिस्ट्रेशन किया है। यह एक सिंगल-विंडो डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां दवाओं से जुड़े लाइसेंस और परमिशन ऑनलाइन दी जाती हैं।
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श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स मिलीं गड़बड़ी
तमिलनाडु सरकार की जांच कमेटी को कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिलीं। इन गड़बड़ियों को क्रिटिकल और मेजर श्रेणी में रखा गया। तमिलनाडु के ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने 7 अक्टूबर को श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सरकार ने कंपनी से पांच दिन के अंदर जवाब मांगा था।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप के कारण अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले ने देशभर में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 👉सरकार से CDSCO ने इन कंपनियों के उत्पादन प्रक्रिया और दवाओं की क्वालिटी की जांच करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सिरप बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट मांगी है। 👉कफ सिरप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस मामले पर शुक्रवार को कोर्ट सुनवाई कर सकता है। 👉तमिलनाडु सरकार की जांच कमेटी को कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिलीं 👉 मध्य प्रदेश की SIT टीम ने चेन्नई में कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार किया। |
टेस्टिंग में बरती गई लापरवाही
जांच में यह बात सामने आई है कि कई दवा कंपनियां हर बैच की सही तरीके से जांच नहीं कर रही थीं, जिससे दवाओं की क्वालिटी प्रभावित हो रही थी। CDSCO ने इसे गंभीर सुरक्षा खामी मानते हुए, कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे अपनी उत्पादन प्रक्रिया को सुधारे और कच्चे माल से लेकर तैयार दवाओं तक की टेस्टिंग को अनिवार्य बनाएं।
मध्य प्रदेश में SIT की कार्रवाई
इससे पहले, मध्य प्रदेश की SIT टीम ने चेन्नई में कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार किया। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। इस गिरफ्तारी के बाद, जांच टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।