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कोल्ड्रिफ कफ सिरप (coldrif cough syrup) से बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और बैतूल जिलों में अब तक 22 मासूमों की मौत हो चुकी है। नागपुर के अस्पतालों में इलाज के दौरान दो और बच्चों की मौत की खबर ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, जिन बच्चों ने कोल्ड्रिफ सिरप का सेवन किया था, उनमें कुछ ही घंटों में किडनी फेलियर के लक्षण दिखने लगे। यह सिरप कथित रूप से जहरीले रासायनिक तत्वों से दूषित पाई गई है, जिसने बच्चों की जान ले ली।
जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही
जांच में यह सामने आया कि कुछ प्राइवेट डॉक्टरों ने बच्चों को बिना सही जांच किए कोल्ड्रिफ सिरप दे दी थी। खास तौर पर डॉ. प्रवीण सोनी का नाम इस मामले में सामने आया है। सिरप पीने के कुछ घंटे बाद ही बच्चों की किडनी में समस्या आने लगी।
सिरप में पाए गए जहरीले तत्व
मेडिकल जांच में यह साबित हुआ है कि सिरप में जहरीले रसायन (Toxic Chemicals) की मौजूदगी थी, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान (Kidney Damage) पहुंचा रही थी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तुरंत कार्रवाई न की गई, तो ऐसी घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं।
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मौत की सिरप बनाने वाला गिरफ्तार
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें चेन्नई की अदालत में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
सरकार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच समिति (High-Level Inquiry Committee) गठित की है, जो यह पता लगाएगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची और किस स्तर पर लापरवाही हुई।
विशेषज्ञों की राय (Expert Opinion)
विशेषज्ञ | बयान |
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डॉ. सीमा शर्मा | “यह घटना हमारे दवा नियमन तंत्र की कमजोरी उजागर करती है।” |
डॉ. राजेश वर्मा | “बच्चों में विषैले तत्वों की प्रतिक्रिया बहुत तेज़ होती है। इसलिए हर कफ सिरप का परीक्षण जरूरी है।” |
सिरप से प्रभावित बच्चों से मिलेंगे सीएम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जहरीले कफ सिरप से प्रभावित बच्चों की स्थिति का जायजा लेने के लिए नागपुर स्थित अस्पताल जाएंगे। इस दौरान वह बच्चों के परिजनों से भी मिलकर उनकी परेशानियों को जानेंगे। सीएम का यह दौरा पीड़ितों के प्रति सरकार की संवेदना और मदद का प्रतीक होगा।