जानें 2025 के सबसे बड़े रोजगार मुद्दे, आखिर क्यों सड़क पर उतरे लाखों युवा, भारत बंद का किया ऐलान

साल 2025 में नौकरियों के लिए देशभर में बड़े आंदोलन हुए। भर्ती में देरी और पेपर लीक से परेशान युवाओं ने दिल्ली से बिहार तक आवाज उठाई। चुनौतियों के बीच AI, स्टार्टअप और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में रोजगार के नए और बेहतर रास्ते भी खुले।

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Aman Vaishnav
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साल 2025 भारत में रोजगार के बड़े संघर्ष के लिए याद किया जाएगा। देशभर के युवाओं की आवाज इस साल राजधानी दिल्ली तक गूंजी। सरकारी भर्ती में देरी और प्राइवेट नौकरियों की अस्थिरता से युवा परेशान रहे।

पूरे साल हर राज्य में नौकरी के लिए विरोध प्रदर्शन होते रहे। अब रोजगार सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि बड़ी राजनीतिक चुनौती बन गया है। युवा अब झूठे वादे नहीं, बल्कि साफ-सुथरी भर्ती और समय पर जॉइनिंग चाहते हैं।

आखिर युवा परेशान क्यों हैं?

इस साल के आंदोलन के पीछे कई ठोस और गहरे कारण छिपे हुए थे। युवाओं का सबसे बड़ा गुस्सा सरकारी भर्ती प्रोसेस में होने वाली देरी पर था। कई पदों पर सिलेक्शन होने के बावजूद, महीनों तक ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिए गए।

नए लेबर कोड को लेकर कर्मचारियों में भी गुस्सा देखने को मिला। ट्रेड यूनियनों के अनुसार नए नियमों से मजदूरों के अधिकार कम होंगे। कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग सिस्टम ने युवाओं के मन में असुरक्षा बढ़ा दी है। मनरेगा के बजट में कटौती से गांवों में भी बेरोजगारी बढ़ गई है। इन सब कारणों से लोग अपने भविष्य को लेकर काफी डरे हुए हैं।

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जब थम गई देश की रफ्तार

जुलाई 2025 में ट्रेड यूनियंस ने भारत बंद का बड़ा ऐलान किया। इस हड़ताल में बैंक, बिजली और ट्रांसपोर्ट के लाखों कर्मचारी शामिल हुए। इस बड़े आंदोलन ने सरकार को अपनी नीतियां बदलने पर मजबूर कर दिया।

दिल्ली जंतर-मंतर में धरना के समय युवाओं की भारी भीड़ जुटी रही। यूपी, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी बड़ी रैलियां निकाली गईं। इन प्रदर्शनों का मकसद श्रम अधिकार बचाना और नई सरकारी नौकरी पैदा करना था।

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2025 के रोजगार मुद्दे 5 पॉइंट में समझें

👉 साल 2025 में नौकरियों के लिए देशभर में बड़े आंदोलन हुए।

👉 सरकारी भर्ती में देरी और पेपर लीक से युवा काफी नाराज रहे।

👉 जुलाई में भारत बंद के दौरान बैंक और बिजली सेवाएं ठप रहीं।

👉 यूपी और बिहार बेरोजगारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मुख्य केंद्र बने।

👉 चुनौतियों के बीच AI और सौर ऊर्जा में नौकरी के नए मौके खुले।

संघर्ष के दो बड़े केंद्र

बिहार 2025 में बेरोजगारी के खिलाफ सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरा। मार्च से अगस्त के बीच पटना समेत 25 जिलों में Youth ने प्रदर्शन किए। यहां मुख्य मांग रुकी हुई शिक्षक भर्तियों और रेलवे परीक्षाओं के रिजल्ट की थी।

दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में शिक्षक आंदोलन 2025 ने पूरी सरकार को हिला दिया। जनवरी में हजारों शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द होने के बाद कोलकाता की सड़कें भर गईं। इन शिक्षकों की मांग थी कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह स्पष्ट बनाया जाए।

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उत्तर प्रदेश का रोजगार महाकुंभ

उत्तर प्रदेश इस साल अपनी अनोखी कोशिश के कारण काफी चर्चा में रहा। राज्य सरकार ने रोजगार महाकुंभ जैसे बड़े मेलों का आयोजन कर सुर्खियां बटोरीं। सरकार ने लगभग 50 हजार युवाओं को विदेश भेजने का एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया। इजराइल, दुबई और यूरोप जैसे देशों में युवाओं को भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई।

साथ ही, पेपर लीक रोकने के लिए यूपी में बहुत सख्त कानून बनाए गए। इन सुधारों से भर्ती प्रक्रिया में युवाओं का भरोसा धीरे-धीरे वापस लौटने लगा है।

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2025 में रोजगार के नए रास्ते

इतनी चुनौतियों के बावजूद 2025 में रोजगार के कुछ नए रास्ते भी खुले। केंद्र सरकार ने स्किल इंडिया 2.0 के तहत AI और डेटा साइंस की ट्रेनिंग शुरू की। छोटे शहरों में स्टार्ट अप कल्चर ने हजारों युवाओं को काम दिया। सबसे अच्छी खबर ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र से आई, जहां सौर ऊर्जा में की सारी भर्तियां हुईं। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर भविष्य में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया बनकर उभर रहा है। government job vacancy

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