भारत-पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात बंद, कौन सी चीजें होंगी महंगी, जानें पूरी डिटेल
भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं। यह कदम पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ कई आतंकवादी हमले किए जाने के बाद उठाया गया है। जानें इससे क्या प्रभाव पड़ेगा, दोनों देशों पर क्या असर होगा और क्या वस्तुएं निर्यात होती थीं।
india-pakistan-import-export Photograph: (THE SOOTR)
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भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों का टूटना, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, सामाजिक स्थिति और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर गहरा प्रभाव डालने वाला है। भारत ने पाकिस्तान से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का फैसला लिया है, और अब दोनों देशों के बीच कोई भी आयात-निर्यात नहीं होगा। यह कदम पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ कई आतंकवादी हमले किए जाने के बाद उठाया गया है।
भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान से सभी व्यापारिक संबंधों को समाप्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब पाकिस्तान से कोई सामान नहीं लिया जाएगा और न ही भारत से पाकिस्तान को कोई वस्तु भेजी जाएगी।
भारत-पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात क्या होता है?
पाकिस्तान से आयात
भारत से पाकिस्तान निर्यात
तरबूज (Watermelon)
कपास (Cotton)
खरबूज (Melon)
फल (Fruits)
सीमेंट (Cement)
सब्जियां (Vegetables)
सेंधा नमक (Rock Salt)
मसाले (Spices)
ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits)
चीनी (Sugar)
चूना (Lime)
तिलहन (Oilseeds)
स्टील (Steel)
डेयरी उत्पाद (Dairy Products)
चमड़े का सामान (Leather Goods)
फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals)
तांबा (Copper)
नमक (Salt)
खजूर (Dates)
बैन का पाकिस्तान पर असर
भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ेगा। पाकिस्तान को भारत से सस्ती और आवश्यक वस्तुएं मिलती थीं, जैसे कि दवाइयां, कच्चा माल और रोजमर्रा की चीजें। अब इन वस्तुओं के लिए पाकिस्तान को अन्य देशों से महंगे दामों पर आयात करना पड़ेगा।
मूल्य वृद्धि: भारत से सस्ती वस्तुएं मिलना बंद होने से पाकिस्तान में महंगाई बढ़ेगी।
आर्थिक दबाव: पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ेगा, क्योंकि अब उसे महंगे देशों से सामान मंगवाना पड़ेगा।
विदेशी मुद्रा संकट: पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दबाव बढ़ेगा क्योंकि वह अब महंगे देशों से आयात करेगा।
पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, और अब भारत से व्यापार बंद होने से यह स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान के व्यापारियों को भी नुकसान होगा जो दुबई या अन्य देशों के जरिए भारत से माल भेजते थे।
भारत पर असर
भारत के लिए पाकिस्तान से व्यापारिक संबंध तोड़ने का कोई बड़ा आर्थिक असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार बहुत कम था। 2024-25 में भारत और पाकिस्तान के बीच कुल व्यापार 500 मिलियन डॉलर से भी कम था, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नगण्य है। हालांकि, कुछ वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जैसे कि सेंधा नमक, सूखे मेवे और ऑप्टिकल लेंस, लेकिन भारत के पास इन चीजों के वैकल्पिक स्रोत हैं।
पाकिस्तान से वस्तुओं का आयात नहीं होगा: भारत के पास इन वस्तुओं के वैकल्पिक स्रोत हैं, जैसे सऊदी अरब, UAE और ईरान से।
अफगानिस्तान के साथ व्यापार: अटारी बॉर्डर बंद होने से भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार पर असर पड़ेगा, लेकिन वैकल्पिक मार्गों पर विचार किया जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में कमी पहले 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद आई थी, जब भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। अब, 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरी तरह से व्यापारिक संबंध समाप्त हो गए हैं।
पाकिस्तान पर असर
पाकिस्तान को अब भारत से सस्ती चीजें नहीं मिलेंगी, और उसकी अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव आएगा। महंगाई बढ़ने के साथ-साथ, निम्न और मध्यम वर्ग पर भी असर पड़ेगा।
भारत पर असर
भारत के लिए यह फैसला बड़ा नहीं होगा, लेकिन कुछ वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। भारत को इन वस्तुओं के लिए वैकल्पिक स्रोत मिल सकते हैं, जैसे सऊदी अरब, UAE और ईरान से।
पुलवामा हमले के बाद क्या बदला?
14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और इसके बाद पाकिस्तान से व्यापारिक संबंधों में कमी आई। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर 200 प्रतिशत आयात शुल्क बढ़ा दिया और पाकिस्तान का 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा खत्म कर दिया।
पुलवामा हमले ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया। इसके बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई तेज की और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ अभियान चलाए।