मोटर इंश्योरेंस क्लेम ( motor insurance claim ) लेने वाले ग्राहकों को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ( IRDAI ) ने बड़ी राहत दी है। जनरल लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को एक मास्टर सर्कुलर जारी करके खास निर्देश दिया गया है। इस सर्कुलर के जरिए बीमा कंपनी ने क्लेम सेटलमेंट के प्रोसेस को आसान और ज्यादा ग्राहक केंद्रित बनाने की कोशिश की है। इससे पहले बीमा रेगुलेटर ने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भी इसी तरह का मास्टर सर्कुलर जारी किया था। इंश्योरेंस रेगुलेटर और डेपलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( IRDAI ) ने सामान्य बीमा कंपनियों को भी ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने के लिए मास्टर सर्कुलर जारी किया है।
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कैंसिलेशन नियमों में बड़े बदलाव
बीमा कंपनियां जानकारी छिपाने, फर्जीवाड़ा, असहयोग, मिस-रिप्रेजेंटेशन आदि के आधार पर मोटर बीमा पॉलिसी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को को रद्द कर देती थीं, लेकिन अब इंश्योरेंस कंपनियां केवल फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद ही वाहन बीमा पॉलिसी को कैंसिल कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें ग्राहकों को 7 दिन पहले नोटिस दोना होगा। अन्य किसी कारण से बीमा पॉलिसी कैंसिल नहीं होगी। पॉलिसी की सभी शर्तें, बीमा कवरेज, एड-ऑन्स, आइडीबी, सम एश्योर्ड, सम इंश्योर्ड राशि, क्लेम करने का तरीका, कॉन्टैक्ट नंबर, शिकायत कहां करें आदि का विवरण होगा।
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21 दिन में मोटर बीमा का क्लेम सेटल
पॉलिसी धारक की ओर से मोटर बीमा क्लेम करने के 24 घंटे के अंदर जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सर्वेयर की नियुक्ति करनी होगी। सर्वेयर को 15 दिन के अंदर बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके बाद 7 दिन के अंदर बीमा कंपनी को क्लेम सेटलमेंट पर फैसला करना होगा। यानी 21 दिन में मोटर बीमा का क्लेम सेटल हो जाएगा। विलंब होने पर बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होना अब दंडनीय अपराध बन गया है। यानी बीमा लेने में लापरवाही अब आपको जेल भेज सकती है। नए नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध होने पर 3 महीने तक की कैद और 2000 रुपए का जुर्माना और दूसरी बार गलती पाए जाने पर 3 महीने तक की जेल और 4000 रुपए का जुर्माना हो सकता है।
13 पुराने सर्कुलर हुए निरस्त
IRDAI द्वारा जारी किए गए मास्टर सर्कुलर से कुल 13 पुराने सर्कुलर निरस्त हो गए हैं। IRDAI ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा है कि इस सर्कुलर के जारी होने के बाद अब बीमा कंपनियों को ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरतों को समझने में मदद मिलेगी। इससे कंपनियां ग्राहकों की जरूरत के अनुसार बीमा प्रोडक्ट्स लॉन्च कर पाएंगी ।
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