रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी प्लेटफॉर्म पर बड़े स्तर पर हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। पिछले कुछ वर्षों में टिकट बुकिंग के दौरान अनधिकृत एजेंट्स द्वारा फर्जी अकाउंट्स का इस्तेमाल करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, जिसे कंट्रोल करने के लिए अब आईआरसीटीसी ने 3.5 करोड़ अकाउंट्स को बंद कर दिया है।
फर्जी अकाउंट्स और टिकट बुकिंग में धांधली
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि टिकट बुकिंग में बड़े स्तर पर हो रही धांधली को रोकने के लिए आईआरसीटीसी ने विशेष तकनीकी उपायों का सहारा लिया है। अब, फर्जी अकाउंट्स बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया है। इसके तहत, उन सभी यूजर्स को ब्लॉक कर दिया गया है, जिन्होंने डिस्पोजेबल ईमेल आईडी का उपयोग करके अकाउंट बनाए थे। इसके जरिए अनधिकृत एजेंट्स बड़ी संख्या में बुकिंग करके यात्री के लिए कन्फर्म टिकट हासिल करने की कोशिश करते थे।
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आईआरसीटीसी का एआई आधारित समाधान
आईआरसीटीसी ने धोखाधड़ी के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग तकनीकों का सहारा लिया है। इन तकनीकों का उपयोग करके प्लेटफॉर्म पर किए गए फर्जी अकाउंट्स की पहचान की जाती है और उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाता है, इससे सिस्टम पर हो रहे अनावश्यक लोड को भी कम किया जा रहा है। आईआरसीटीसी का दावा है कि इन तकनीकों के लागू होने के बाद से प्लेटफॉर्म पर नए यूजर अकाउंट्स की संख्या में भारी कमी आई है, जो अब केवल 10,000 से 12,000 के बीच रह गई है, जबकि पहले यह संख्या 60,000 से 65,000 हुआ करती थी।
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फर्जी टिकट बुकिंग की प्रक्रिया
अनधिकृत एजेंट्स टिकट बुकिंग को फर्जी तरीके से सुनिश्चित करने के लिए एक से अधिक प्रोफाइल बनाते थे। उदाहरण के तौर पर, एक एजेंट 30 डिस्पोजेबल ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके प्रोफाइल बनाता था। प्रत्येक प्रोफाइल के लिए एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजा जाता था, जिसे एजेंट वेरिफाई करता था। बाद में, इस प्रोफाइल का उपयोग करते हुए, एजेंट एक ही यात्री के लिए कई बार टिकट बुकिंग करता था।
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बदलाव के बाद स्थिति में सुधार
इन नए उपायों के बाद आईआरसीटीसी ने प्लेटफॉर्म पर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की है। अब, फर्जी प्रोफाइल्स और बुकिंग की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे सिस्टम पर भी लोड कम हुआ है और टिकट आरक्षण की प्रक्रिया अब ज्यादा सुव्यवस्थित हो गई है। अधिकारी ने कहा कि इस कदम से टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ी है, जिससे आम यात्रियों के लिए बुकिंग के अवसर समान हो गए हैं।
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IRCTC का कदम - क्यों है जरूरी?
आईआरसीटीसी ने यह कदम भारतीय रेलवे के टिकट बुकिंग सिस्टम की अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया है। पिछले कुछ वर्षों में, रेलवे की ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम में अनधिकृत एजेंट्स द्वारा बड़ी धांधली की शिकायतें आई थीं। इस कदम से न केवल इन धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि रेलवे यात्रियों को बेहतर और तेज़ सेवा भी प्रदान करेगा।़ी की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया है।
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