इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में 25 मार्च 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने जा रही है। यह हड़ताल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के एक फैसले से जुड़ी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की है, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील इस फैसले के खिलाफ हड़ताल पर जा रहे हैं।
जस्टिस यशवंत वर्मा और उनके विवाद
जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब दिल्ली हाईकोर्ट में उनके बंगले के स्टोररूम में जली हुई नकदी का बड़ा ढेर पाया गया। इस मामले के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेजने की सिफारिश की, जिससे वकील नाराज हो गए। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वर्मा से उनके न्यायिक कार्य को तुरंत वापस ले लिया था।
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घटना के बाद क्या हुआ?
14 मार्च 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक आग बुझाने के दौरान अग्निशमन दल ने वर्मा के बंगले से बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद की। इस घटना ने पूरे न्यायिक समुदाय में हलचल मचा दी। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्या होगा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सोमवार से बेमियादी हड़ताल की शुरुआत होगी। वकीलों का कहना है कि जब तक जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में नहीं भेजा जाता, वे अपनी न्यायिक प्रक्रिया को रोकेंगे।
वकीलों की प्रतिक्रिया
वकीलों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का यह फैसला न्यायिक स्वतंत्रता और अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक इस मुद्दे का हल नहीं निकलता, वे हड़ताल जारी रखेंगे।
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जस्टिस वर्मा का विवाद
जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम पहले भी विवादों में रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में उनके खिलाफ चल रही जांच ने इस मामले को और तूल दिया है। इस विवाद के कारण न्यायिक प्रक्रियाओं पर असर पड़ने की संभावना है, खासकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में।