शिमला में इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान यात्रियों के बीच हड़कंप, डिप्टी सीएम भी थे सवार
शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर एलायंस एयर की फ्लाइट 9I821 की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यात्रियों में घबराहट फैल गई। तकनीकी खामी के कारण लैंडिंग में समस्या आई, जिससे विमान को इमरजेंसी ब्रेक के साथ रोका गया।
शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर 9I821 (ATR प्लेन) को सोमवार सुबह इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह विमान दिल्ली से शिमला आ रहा था और उसमें 42 यात्री तथा 2 क्रू सदस्य सवार थे। इस घटना में हिमाचल प्रदेश के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री और DGP डॉ. अतुल वर्मा भी शामिल थे।
रनवे की छोटी लंबाई और तकनीकी खराबी
जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर स्थित रनवे केवल 1200 मीटर लंबा है और दोनों एंड पर खाई है, जिससे यह लैंडिंग के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बनता है। अधिकारियों के मुताबिक, विमान में टेक्निकल खराबी आने के कारण लैंडिंग सही तरीके से नहीं हो पाई और पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर विमान को रोका।
जैसे ही विमान रनवे की ओर बढ़ने लगा और खाई की तरफ जाने लगा, यात्रियों में घबराहट फैल गई। कई यात्री रोने लगे और चिल्लाने लगे। डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने इस घटना को लेकर बताया कि उन्हें किसी भी तरह का अलर्ट नहीं दिया गया था और लैंडिंग में कोई भी असामान्यता महसूस हुई थी।
तकनीकी खामी का पता चला
जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के डायरेक्टर केपी सिंह ने बताया कि इस फ्लाइट की लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी आई थी। हालांकि, विमान को दिल्ली से उड़ान भरने से पहले जांचा गया था और उड़ान के दौरान कोई तकनीकी समस्या नहीं आई थी। अधिकारियों ने इस बारे में जांच शुरू कर दी है।
इस इमरजेंसी लैंडिंग के कारण शिमला और धर्मशाला की अन्य फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं। यह घटना शिमला के लिए एक चेतावनी बन सकती है, क्योंकि जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर पहले भी खराब मौसम के कारण लैंडिंग कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
FAQ- खबर से संबंधित सवाल
शिमला में इमरजेंसी लैंडिंग होने का कारण क्या था?
शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर एलायंस एयर की फ्लाइट 9I821 में इमरजेंसी लैंडिंग तकनीकी खराबी के कारण हुई। रनवे की छोटी लंबाई और खाई की वजह से लैंडिंग करना कठिन था। पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर विमान को रोका।
शिमला एयरपोर्ट पर लैंडिंग कितनी चुनौतीपूर्ण है?
शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पहाड़ी इलाके में स्थित है और यहां का रनवे केवल 1200 मीटर लंबा है, जो लैंडिंग के लिए मुश्किल होता है। खराब मौसम और तकनीकी खराबी लैंडिंग को और भी चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।
क्या इस हादसे के बाद शिमला की फ्लाइट्स पर असर पड़ा है?
हां, इस इमरजेंसी लैंडिंग के बाद शिमला और धर्मशाला की फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं। इसके अलावा, यात्रियों को अन्य परिवहन विकल्पों के रूप में गाड़ियों से यात्रा करनी पड़ी।