कर्नाटक सरकार के हालिया बजट में अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिमों के लिए कई विशेष योजनाएं घोषित की गई हैं। इनमें मस्जिदों के इमामों को मासिक भत्ता, सरकारी ठेकों में आरक्षण और वक्फ संपत्तियों के लिए करोड़ों की सहायता शामिल है। भाजपा ने इस बजट को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। वहीं, कांग्रेस सरकार इसे सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम बता रही है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह बजट किन कारणों से विवादों में घिर गया है।
1. मुस्लिम समुदाय के लिए 4700 करोड़ का बजट, क्या मिला:
कर्नाटक सरकार ने बजट में मुस्लिम समुदाय के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं-
- मस्जिद के इमामों को ₹6000 मासिक भत्ता मिलेगा।
- वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए ₹150 करोड़ का बजट।
- उर्दू स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपए की सहायता राशि।
- अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1000 करोड़ का फंड।
- सरकारी लोक निर्माण विभाग (PWD) में 4% ठेके मुस्लिमों के लिए आरक्षित।
सरकार का तर्क: यह बजट अल्पसंख्यकों के विकास और समाज में समानता लाने के लिए बनाया गया है।
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2. भाजपा का हमला – ‘बजट औरंगजेब से प्रेरित’
भाजपा प्रवक्ता अनिल एंटनी ने कहा कि यह बजट कांग्रेस के ‘तुष्टिकरण एजेंडे’ को दर्शाता है।
- भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे धर्म के आधार पर भेदभाव बताया और कहा कि यह SC, ST और OBC समुदायों के साथ अन्याय है।
- भाजपा ने इस बजट को ‘हलाल बजट’ करार दिया और कांग्रेस सरकार को तुष्टिकरण की ‘पोस्टर बॉय’ बताया।
- भाजपा नेता पीसी मोहन ने सोशल मीडिया पर नारियल का फोटो शेयर कर जताया कि हिंदू समुदाय को इस बजट में कुछ नहीं मिला।
भाजपा का आरोप: कांग्रेस सरकार केवल मुस्लिम समुदाय को लाभ पहुंचा रही है और अन्य वर्गों की अनदेखी कर रही है।
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3. कांग्रेस का जवाब – ‘हम सामाजिक न्याय कर रहे हैं’
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों के लिए है।
- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह योजनाएं अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई हैं।
- कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा समाज को बांटने की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस का तर्क: यह बजट न्यायसंगत है और इसमें हर वर्ग के लिए योजनाएं हैं।
4. मुस्लिमों के लिए 4% सरकारी ठेके, भाजपा को आपत्ति क्यों?
कर्नाटक सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण मुस्लिम समुदाय के लिए देने की घोषणा की है।
- भाजपा ने इसे धार्मिक आधार पर भेदभाव करार दिया।
- अमित मालवीय ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है।
- भाजपा नेताओं का कहना है कि यह आरक्षण SC, ST और OBC समुदायों के हिस्से से दिया गया है।
विवाद का कारण: भाजपा इसे संविधान विरोधी बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे समाज में संतुलन बनाने का कदम मानती है।
5. क्या यह बजट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का पॉलिटिकल मूव?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस ने यह बजट मुस्लिम समुदाय को रिझाने के लिए बनाया है।
- 2024 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक को कांग्रेस अपने पक्ष में करना चाहती है।
- भाजपा इसे ध्रुवीकरण की राजनीति मान रही है और इसे चुनावी स्टंट कह रही है।
बड़ा सवाल: क्या यह बजट चुनावी राजनीति का हिस्सा है या वाकई में अल्पसंख्यकों के लिए उठाया गया जरूरी कदम?