कर्नाटक में Period Leave Policy 2025 लागू, अब हर महीने महिलाओं को मिलेगी एक पेड लीव

कर्नाटक सरकार ने 2025 से Period Leave Policy लागू की है। अब कामकाजी महिलाओं को हर महीने 1 पेड मेंस्ट्रुअल लीव मिलेगी। इससे राज्य की करीब 60 लाख महिलाओं को लाभ होगा।

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Anjali Dwivedi
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कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर Period Leave Policy 2025 को लागू कर दिया है। इसमें महिलाओं को पीरियड के टाइम पर छुट्टी देने का प्रावधान है। कर्नाटक इसी के साथ बिहार-ओडिशा के साथ ऐसी नीति लागू करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य में आधिकारिक तौर पर मेंस्ट्रूअल लीव पॉलिसी लागू कर दी गई है। इसके लिए सरकार ने ऑफिशियल ऑर्डर जारी कर दिया है।

कितनी और कैसी छुट्टी मिलेगी

  • छुट्टियां: इस पॉलिसी से काम करने वाली महिलाओं को सालभर में कुल 12 छुट्टियां मिलेंगी।

  • महीने में एक छुट्टी: इसका मतलब है कि उन्हें हर महीने 1 पेड मेंस्ट्रुअल लीव मिलेगी।

  • किन्हें मिलेगी: यह छुट्टी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनीज और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं को मिलेगी।

कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

पिछले महीने CM Siddaramaiah की कैबिनेट ने इस पॉलिसी को लागू करने पर सहमति दी थी। आधिकारिक नोटिस जारी होने के बाद menstrual leave पॉलिसी लागू हो गई है।

कितनी महिलाओं को मिलेगा फायदा?

Paid Periods Leave पॉलिसी से राज्य की लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत है।

  • कुल संख्या: लेबर डिपार्टमेंट के अनुसार राज्य में करीब 60 लाख कामकाजी महिलाएं हैं। यह महिलाएं अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं।

  • कॉर्पोरेट सेक्टर: इनमें से 25 से 30 लाख महिलाएं कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी करती हैं। इन सभी को इस पॉलिसी का सीधा फायदा मिलेगा।

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नियमों को लेकर जागरूकता

Karnataka का लेबर डिपार्टमेंट सभी एम्प्लॉयर्स (नियोक्ता) के साथ मीटिंग करेगा। इस मीटिंग में उन्हें इस नए नियम के बारे में जागरूक किया जाएगा।

पॉलिसी बनने से पहले की तैयारी

Period Leave Policy ऐसे ही अप्रूव नहीं हुई है। पॉलिसी अप्रूव होने से पहले 18 सदस्यों की एक कमेटी ने कुछ जरूरी सुझाव दिए थे।

  • कमेटी के सुझाव: इसमें पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों का जिक्र था। उनकी मुश्किलों और ऐसे समय में शरीर को आराम की जरूरत का भी जिक्र किया गया था।

  • कमेटी का नेतृत्व: इस कमेटी को क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की लॉ डिपार्टमेंट की चीफ सपना एस लीड कर रही थीं।

फायदे नुकसान पर चर्चा

कमेटी के सुझावों के बाद सरकार ने इसके फायदे-नुकसान को अच्छे से समझा।

  • सुझाव लेना: सरकार ने अलग-अलग विभागों और ऑर्गेनाइजेशंस से भी इस पर सुझाव लिए।

  • उद्योग पर असर: महिला प्रधान उद्योग जैसे कपड़ा उद्योग पर पड़ने वाले असर को भी सरकार ने समझा। पूरी चर्चा के बाद ही इसे लागू किया गया है।

इन राज्यों में भी लागू है ये पॉलिसी

इस पॉलिसी के लागू होने के साथ ही कर्नाटक देश के उन खास राज्यों का हिस्सा बन गया है। जिन राज्यों में महिलाओं को पीरियड लीव दी जाती है।

बिहार में: बिहार में महिलाओं को हर महीने दो पीरियड लीव मिलती हैं।

ओडिशा में: हाल ही में ओडिशा में भी घोषणा हुई थी। यहां सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं के लिए 1 पीरियड लीव देने की घोषणा की गई थी।

लेबर मिनिस्‍टर संतोष लाड का बयान

कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने बताया कि विभाग पिछले एक साल से इस पर काम कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी।

मिनिस्टर लाड ने कहा कि महिलाएं बहुत स्ट्रेस में होती हैं। खास तौर पर वो जो दिन में 10 से 12 घंटे तक काम करती हैं। इसलिए हमने थोड़ा प्रगतिशील होते हुए उन्हें एक दिन की छुट्टी देने का फैसला किया।

उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सुविधा का गलत फायदा नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई जरूरत महसूस हुई तो आने वाले समय में इसमें और नियम जोड़े जाएंगे। अब महिलाओं को महीने में एक दिन छुट्टी लेने की छूट होगी।

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