लीलावती अस्पताल में इंसानी खोपड़ियों से भरे 8 कलश मिले, ट्रस्टी पर हेराफेरी का आरोप

लीलावती अस्पताल में काले जादू और 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप, अस्पताल के ट्रस्टी के बीच विवाद के कारण सामने आया। इसमें मौजूदा ट्रस्टी ने पूर्व ट्रस्टियों पर 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया है। 

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Jitendra Shrivastava
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leelawati-hospital-controversy Photograph: (thesootr)

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लीलावती हॉस्पिटल, मुंबई का एक प्रमुख अस्पताल, हाल ही में एक गंभीर विवाद में फंस गया है। यह विवाद अस्पताल के ट्रस्टियों के बीच का है। लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (Leelawati Kirtilal Mehta Medical Trust) के दो ट्रस्टी, जो भाई हैं, के बीच यह झगड़ा सामने आया है। मौजूदा ट्रस्टी ने पूर्व ट्रस्टियों पर ₹1500 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया है। 

इसके अलावा, ट्रस्ट का दावा है कि अस्पताल परिसर में काले जादू (Black Magic) का प्रयोग किया जाता था। इस कारण यहां 8 कलश मिले हैं, जिनमें इंसान की हड्डियां, खोपड़ी, बाल और चावल के दाने थे। 

ये है पूरा विवाद  

लीलावती अस्पताल की शुरुआत की कहानी में कई उलझनें हैं। 2002 में ट्रस्ट के संस्थापक किशोरी मेहता बीमार हो गए और इलाज के लिए विदेश चले गए। इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभाली। विजय मेहता पर आरोप है कि उन्होंने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने बेटे और भतीजों को ट्रस्टी बना दिया और किशोरी मेहता को स्थायी ट्रस्टी से हटा दिया। 
2016 में, किशोरी मेहता ने फिर से ट्रस्टी का पद संभाला, लेकिन उनकी मृत्यु 2024 में हो गई। उनके बेटे प्रशांत मेहता ने अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड का ऑडिट करवाया, जिसके बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। 

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1500 करोड़ की हेराफेरी और काला जादू  

प्रशांत मेहता के अनुसार, फोरेंसिक ऑडिट से यह सामने आया कि पूर्व ट्रस्टियों ने 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी की थी। ऑडिट रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई कि इस गबन में अधिकांश आरोपी दुबई और बेल्जियम में रहते हैं। काले जादू का खुलासा दिसंबर 2024 में हुआ। प्रशांत मेहता ने बताया कि कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें इस बारे में बताया था। इसके बाद अस्पताल के परिसर में फर्श को खोला गया, जहां 8 कलश मिले। इन कलशों में इंसान की हड्डियां, खोपड़ी, बाल और चावल के दाने थे, जो काले जादू के प्रमाण माने गए। 

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विवाद की मुख्य बातें...

  1. 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी: अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1500 करोड़ रुपए  की हेराफेरी का आरोप।
  2. काले जादू का आरोप: अस्पताल परिसर में काले जादू के प्रमाण के रूप में 8 कलश पाए गए।
  3. आधिकारिक जांच: अस्पताल के नए ट्रस्टी ने फोरेंसिक ऑडिट करवाई, जिसमें हेराफेरी और काले जादू के सबूत सामने आए।

FAQ- खबर से संबंधित सामान्य प्रश्न

लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी विवाद में क्या आरोप लगाए गए हैं?
लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी विवाद में आरोप लगाए गए हैं कि पूर्व ट्रस्टियों ने 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी की। ट्रस्ट का कहना है कि 8 कलश मिले हैं, जिनमें इंसान की हड्डियां और खोपड़ी पाई गई हैं।
अस्पताल में काले जादू का क्या संबंध है?
काले जादू का दावा दिसंबर 2024 में सामने आया था, जब पूर्व कर्मचारियों ने अस्पताल के नए ट्रस्टी को इस बारे में जानकारी दी। जांच के बाद अस्पताल परिसर में फर्श के नीचे 8 कलश मिले, जिनमें हड्डियां, खोपड़ी, बाल और चावल के दाने थे, जिन्हें काले जादू से जोड़ा गया।
लीलावती अस्पताल के वित्तीय ऑडिट से क्या जानकारी सामने आई है?
लीलावती अस्पताल के वित्तीय ऑडिट में यह पता चला कि पूर्व ट्रस्टियों ने ₹1500 करोड़ से अधिक की हेराफेरी की थी। यह गबन मुख्य रूप से विदेश में रहने वाले ट्रस्टी द्वारा किया गया था।

 

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