महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना के तहत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 5 लाख महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया है। इन महिलाओं को अब जनवरी 2025 से योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, उनके खातों में पहले जमा हुए 450 करोड़ रुपए सरकार वापस नहीं लेगी। योजना के मानदंडों में सख्ती और वित्तीय प्रबंधन के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि इन महिलाओं को जनवरी 2025 से योजना का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन पहले से खातों में जमा हुई धनराशि वापस नहीं ली जाएगी।
लाड़की बहन योजना में बड़ा बदलाव
महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहन योजना के तहत 5 लाख महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया है। ये महिलाएं या तो अन्य सरकारी योजनाओं से पहले से लाभान्वित हो रही थीं या योजना के तय मानदंडों पर खरी नहीं उतर रही थीं। इनमें संजय गांधी निराधार योजना की लाभार्थी महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं और वे महिलाएं शामिल हैं जिनके पास चारपहिया वाहन हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री का बयान
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि अयोग्य घोषित महिलाओं के खातों में जो धनराशि जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 के बीच जमा हुई है, उसे वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह राज्य के कल्याणकारी उद्देश्यों के खिलाफ होगा।"
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कितनी धनराशि हुई जमा?
सूत्रों के अनुसार, जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 के बीच अयोग्य घोषित 5 लाख महिलाओं के खातों में कुल 450 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई है। योजना के तहत हर पात्र महिला को प्रति माह 1,500 रुपए की सहायता राशि मिलती है।
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योग्यता मानदंड और अयोग्य घोषित महिलाएं
लाडकी बहन योजना का लाभ 65 वर्ष तक की उन महिलाओं को मिलता है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो। लाभार्थी के परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए और उनके पास चारपहिया वाहन भी नहीं होना चाहिए। साथ ही, वे किसी अन्य सरकारी योजना से मासिक सहायता प्राप्त नहीं कर सकतीं।
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इन महिलाओं को किया अयोग्य घोषित...
- 2.30 लाख महिलाएं: संजय गांधी निराधार योजना से लाभान्वित थीं।
- 1.10 लाख महिलाएं: 65 वर्ष से अधिक आयु की थीं।
- 1.60 लाख महिलाएं: चारपहिया वाहन स्वामी और अन्य सरकारी योजनाओं की लाभार्थी थीं।
सरकार का आर्थिक प्रबंधन और चुनावी दबाव
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 2024-25 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी। राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कई लोकलुभावन योजनाएं शुरू की गईं, जिनसे वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका है। लाडकी बहन योजना के लिए सरकार ने 46,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया था।
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योजनाओं का दुरुपयोग
अब सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि केवल योग्य महिलाएं ही इस योजना का लाभ उठाएं। इस कदम को वित्तीय घाटे को कम करने और योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।