NEET मॉक परीक्षा में कम नंबर आने पर प्रिंसिपल पिता ने ले ली अपनी बेटी की जान

महाराष्ट्र के सांगली में एक स्कूल के प्रिंसिपल ने अपनी बेटी को डांटने के बाद उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना एक नीट परीक्षा के बाद घटित हुई, जिसमें लड़की के कम अंक आए थे।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक दर्दनाक घटना घटी। एक स्कूल के प्रिंसिपल ने अपनी बेटी को कम नंबर आने पर डांटा। बेटी के जवाब देने पर पिता गुस्से में आकर उसे पीटने लगे। साधना भोसले के नीट मॉक परीक्षा में कम अंक आए थे। पिटाई के कारण उसकी मौत हो गई।

ये था पूरा मामला

महाराष्ट्र के सांगली जिले के आटपाडी स्थित एक स्कूल में हेडमास्टर धोंडीराम भोसले अपनी बेटी साधना भोसले को नीट मॉक परीक्षा में कम अंक आने पर डांट रहे थे। साधना, जो डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी, ने जब अपने पिता को जवाब दिया कि “आप कौनसा कलेक्टर हो गए हो? तुम्हारे भी कम अंक आए हैं, है न?” तो पिता बौखला गए। गुस्से में आकर धोंडीराम ने साधना को डंडे से बुरी तरह पीटा।

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पिटाई के बाद...

साधना की गंभीर हालत को देखते हुए भी उसके पिता ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय अगले दिन योग दिवस मनाने के लिए स्कूल चले गए। जब वह वापस आए, तो साधना बेहोश पड़ी थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान साधना की मौत हो गई।

पुलिस कार्रवाई

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और धोंडीराम भोसले को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने अपनी बेटी की पिटाई करने की बात कबूल की है। पुलिस ने धोंडीराम भोसले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं, और आरोपी को सजा दिलाने के लिए पूरी प्रक्रिया को कड़ा किया जाएगा।

इस मामले में पुलिस ने कुछ अहम सवाल उठाए हैं, जिनका उत्तर आगे की जांच में मिल सकता है। क्या यह घटना सिर्फ एक गुस्से की प्रतिक्रिया थी या इसके पीछे कुछ और कारण था? पुलिस ने यह भी पूछा है कि क्या धोंडीराम के पास अपनी बेटी को संभालने के लिए कोई अन्य तरीका था, और क्या यह घटना उसकी छिपी हुई नाराजगी का परिणाम थी?

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परिवार की प्रतिक्रिया

साधना के परिवार वालों ने भी आरोप लगाया है कि धोंडीराम ने न केवल अपनी बेटी के साथ अमानवीय व्यवहार किया, बल्कि उसे मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया। साधना का सपना था कि वह एक डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षा में कम अंक आने के बाद उसे केवल डांटने और मारने के बजाय मदद की जरूरत थी।

समाज में यह घटना क्या संदेश देती है?

यह घटना हमें यह बताती है कि किसी भी स्थिति में गुस्से का हद से ज्यादा उबाल किसी की जिंदगी का अंत कर सकता है। शिक्षा में कम अंक आने पर बच्चों को समझाने की बजाय, परिवारों को उन्हें मार्गदर्शन देने की जरूरत है, न कि प्रताड़ना करने की।

NEET मॉक परीक्षा | पिता ने की बेटी की हत्या

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