महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में कक्षा 1 से सैन्य प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य बच्चों में अनुशासन, शारीरिक फिटनेस और देशभक्ति की भावना विकसित करना है। यह घोषणा सोमवार को महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने की।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब देश में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते इस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है।
सैन्य प्रशिक्षण का उद्देश्य
राज्य सरकार का मानना है कि यदि बच्चों को बचपन से ही शारीरिक व्यायाम (Physical Exercise), अनुशासन और देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाए, तो यह उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाएगा। शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा, "यह प्रशिक्षण बच्चों में राष्ट्र के प्रति प्रेम और अनुशासन की भावना विकसित करेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करेगी।
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रिटायर्ड सैन्यकर्मी देंगे प्रशिक्षण
महाराष्ट्र सरकार ने यह घोषणा की है कि बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण को सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी (Retired Military Personnel) देंगे। यह सैन्यकर्मी छात्रों को शारीरिक व्यायाम, अनुशासन और जीवन की बुनियादी सैन्य आदतों के बारे में सिखाएंगे। इसके अलावा, स्कूल के खेल शिक्षक (Physical Education Teachers), एनसीसी (National Cadet Corps) के अधिकारी और स्काउट्स एंड गाइड्स (Scouts and Guides) भी इस पहल में योगदान देंगे।
इसके लिए, राज्य सरकार ने 2.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। यह सैनिक छात्रों को बुनियादी सैन्य अनुशासन, टीमवर्क, और शारीरिक फिटनेस के लाभ के बारे में बताएंगे।
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मुख्यमंत्री का समर्थन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस योजना का समर्थन करते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से बच्चों में अनुशासन और देशभक्ति की भावना पैदा होगी, जो देश के भविष्य के लिए आवश्यक है।
यह कदम खासकर ऐसे समय में लिया गया है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। इस प्रकार के प्रशिक्षण से बच्चों में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा होगी और वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
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महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का महत्व
महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। यह बच्चों को एक अनुशासित जीवन जीने की आदत डालने के लिए भी है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को शारीरिक रूप से सक्षम और मानसिक रूप से मजबूत बनाना है। इसके साथ ही, यह पहल उनके भीतर आत्मविश्वास (Self Confidence) और टीमवर्क (Teamwork) की भावना को भी बढ़ावा देगी।
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इस पहल का दीर्घकालिक प्रभाव
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। बच्चों को बचपन से ही शारीरिक व्यायाम, अनुशासन और देशभक्ति के बारे में सिखाने से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इसके अलावा, सैन्य प्रशिक्षण से बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, जो भविष्य में उन्हें जीवन के किसी भी कठिनाई का सामना करने में मदद करेगा।
इस पहल के तहत, बच्चों को छोटे-छोटे सैन्य अभ्यास, खेल और शारीरिक गतिविधियाँ दी जाएंगी, जो उनकी शारीरिक क्षमता और मानसिक मजबूती को बढ़ाएंगी।
रिटायर्ड सैनिक | प्रदेश की स्कूली शिक्षा
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