मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, जातीय हिंसा से बढ़ा दबाव

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने लंबे समय से चल रही जातीय हिंसा के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि मणिपुर के लोगों की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात थी...

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Jitendra Shrivastava
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मणिपुर में लंबे समय से चल रही जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में जनता की सेवा को गर्व का विषय बताया और राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार से सहयोग बनाए रखने की अपील की। 

मणिपुर हिंसा में अब तक 200 की गई जान

मणिपुर में पिछले साल से जारी जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि राज्य के लोगों की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात रही। इसके पहले, बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। बिरेन सिंह ने केंद्र सरकार से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता, सीमा सुरक्षा और नशे के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की अपील की। मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा चल रही है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

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इस्तीफे में बीरेन सिंह ने लिखा...

अपने इस्तीफे में बीरेन सिंह ने राज्य के विकास कार्यों और सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता और सीमा सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने नशे और अवैध प्रवासियों के मुद्दों पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

लगातार हिंसा के चलते सीएम पर था दबाव

मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा चल रही है। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। नवंबर 2023 में जिरीबाम जिले में महिलाओं और बच्चों की हत्या ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेते हुए नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी।

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मणिपुर में कैसे हुई हिंसा की शुरुआत

मणिपुर में हिंसा तीन मई 2023 को शुरू हुई, जब आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की। यह रैली मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने के अदालत के आदेश के विरोध में थी। इसके बाद हिंसा भड़क उठी और राज्य में अशांति का माहौल बन गया। हालात को काबू में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी।  

FAQ- खबर से संबंधित खास प्रश्न

मणिपुर में हिंसा कब शुरू हुई थी?
हिंसा तीन मई 2023 को मणिपुरी समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने के विरोध में आयोजित रैली के बाद शुरू हुई।
एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया?
जातीय हिंसा के चलते राज्य में बढ़ते दबाव और शांति बहाली में असफलता के कारण उन्होंने पद छोड़ा।
बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में क्या कहा?
उन्होंने मणिपुर के लोगों की सेवा को गर्व का विषय बताया और केंद्र सरकार से मणिपुर की सुरक्षा और विकास कार्य जारी रखने की अपील की।
अब तक मणिपुर हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं?
इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मणिपुर में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए?
केंद्र सरकार ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की और कई विकास परियोजनाएं शुरू कीं।

 

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