महाराष्ट्र विधानसभा में  मराठा आरक्षण बिल पास

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 फीसदी आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पेश किया, जिसे निचले सदन से मंजूरी मिल गई है।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
PIC

मराठा बिल

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

MUMBAI. महाराष्ट्र में मराठा समुदाय ( Maratha Reservation) के लिए 10 आरक्षण का रास्ता लगभग साफ हो गया। राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने मंगलवार दोपहर यह आरक्षण विधेयक विधानसभा में पेश किया, जिसे महाराष्ट्र विधानसभा ( Maharashtra Assembly) ने पारित कर दिया। अब यह बिल विधान परिषद ( Legislative Assembly ) में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी। बिल को मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब मनोज जरांगे पाटिल लगातार 11वें दिन भूख हड़ताल पर हैं। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे ओबीसी भाई हों, या कोई अन्य समुदाय, हमने किसी के आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा समुदाय के लिए शैक्षिक और नौकरी आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है।

ये खबर भी पढ़िए...CG में भूपेश बघेल ने चुनाव में विज्ञापनों पर खर्च किए थे अरबों रुपए

क्या बोले सीएम एकनाथ शिंदे?

सीएम शिंदे ने कहा, इस काम में उन कानूनी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है, जिन्होंने हाई कोर्ट में मराठा आरक्षण की जोरदार वकालत की है, एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया. हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और अन्य न्यायिक स्तरों पर मराठा समुदाय का आरक्षण कैसे बरकरार रखा जाएगा, इस पर सरकार और आयोग के बीच समन्वय बनाया गया। सीएम ने आगे कहा, हमने मराठा आरक्षण के पक्ष में बहस करने के लिए राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ परिषदों की एक सेना खड़ी की है।  शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे मराठा समाज के लिए ठोस योगदान देने का अवसर मिला,मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं। जब हमारी सरकार आई तो मराठा आरक्षण हमारे एजेंडे में प्राथमिकता थी और इसलिए सितंबर 2022 में मंत्री चंद्रकांत पाटिल को उप-समिति का अध्यक्ष बनाया गया। सत्ता में आते ही यानी अगस्त 2022 में ज्यादातर पदों का सृजन किया गया, 21 सितंबर 2022 को सरकार ने फैसला लिया और इसका क्रियान्वयन शुरू कर दिया।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर में जेंडर चेंज कर बना लड़की और प्रेमी ने कर दिया शादी से इंकार 

रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आरक्षण की रूपरेखा तैयार

रिटायर्ड जज सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में MSBCC ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी थी। हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं। सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है । मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं। मराठा आरक्षण बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय चुनाव और वोटों को ध्यान में रखकर लिया है। यह मराठा समुदाय के साथ धोखा है। मराठा समुदाय आप पर भरोसा नहीं करेगा।

ये खबर पढ़िए...MP बीजेपी में शामिल कांग्रेस के कुछ ही नेताओं की बल्ले-बल्ले

मराठा आरक्षण पर क्या बोले मनोज जरांगे ?

10 प्रतिशत मराठा आरक्षण बिल को लेकर विधानसबा देते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने नाखुशी जाहिर की हैं। जरांगे ने कहा सरकार ने यह निर्णय चुनाव और वोटों को ध्यान में रखकर लिया है। यह मराठा समुदाय के साथ धोखा है। मराठा समुदाय आप पर भरोसा नहीं करेगा। हमें केवल हमारी मूल मांगों से ही लाभ होगा। 'सज्जन-सोयरे' पर कानून बनाओ। यह आरक्षण टिकेगा नहीं। सरकार अब झूठ बोलेगी कि आरक्षण दे दिया गया है।

ये खबर भी पढ़िए...मोदी के पसंद की सराफा चौपाटी होगी शिफ्ट, सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता, विकल्पों पर विचार

Maratha reservation Maharashtra assembly