मुख्तार अंसारी की मौत पर क्यों आमने- सामने आ गए इन दलों के नेता

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है...

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Dr Rameshwar Dayal
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MUKHTAR ANSARI
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NEW DELHI: बाहुबली नेता और अपराध माफिया मुख्तार अंसारी ( mukhtar ansari) की उत्तर प्रदेश की बांदा ( Banda ) जेल में मौत ( death) हो गई है। वहां के मेडिकल कॉलेज ने एक रिपोर्ट जारी कर अंसारी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है। लेकिन उनकी मौत के बाद राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है और कई दलों के नेताओं ने उनकी मौत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। असल में अंसारी की मौत का मसला इसलिए तूल पकड़ा हैं, क्योंकि उनके परिजनों का आरोप है कि जेल में उन्हें स्लो प्वॉइजन दिया गया था। 

रिश्तेदारों ने मौत पर सवाल खड़े किए

अंसारी की मौत के बाद यूपी के कुछ जिलों में तनाव पैदा हो गया है। वैसे तो उनकी मौत के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है साथ ही मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। कई इलाकों में तो ड्रोन से निगरानी की जा रही है। वैसे अंसारी की मौत का पूरा कारण जानने के लिए उनके शरीर का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। बता दें कि दो दिन पहले जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने मौत की आशंका जताई थी और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए था। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई को जेल में जहर दिया जा रहा है। इसके बाद से उनकी मौत को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। देश के कई विपक्षी नेताओं ने मुख्तार की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताते हुए उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। 

मायावती और अखिलेश यादव ने क्या कहा?

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि थाने में, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर, कोर्ट ले जाते समय, ⁠अस्पताल ले जाते समय, ⁠ झूठी मुठभेड़ दिखाकर, आदि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। उनका आरोप है कि उप्र सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

ओवैसी ने शासन पर लगाए गंभीर आरोप 

दूसरी ओर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है। बिहार स्थित आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्तार ने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को 'संस्थागत हत्या' करार दिया और मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। 

मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए: बीजेपी नेता

इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि लोग जो संदिग्ध मौत की बात कहते हैं, वो जांच का विषय है। जांच में सत्यता के आधार पर बयान करना चाहिए। आज के दिन विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए। किसी की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बीजेपी के तेज-तर्रार नेता संगीत सोम ने कहा है कि बड़े अपराधी की मौत पर रोना रोना ठीक नहीं है. मुख्तार बेकसूर लोगों का हत्यारा था। अपराधी की मौत पर आंसू बहाने वाले बेकसूरों की हत्या पर आंसू बहाते तो ठीक होता।

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