इक्विटी में गिरावट, डेट फंड्स में बूम: म्यूचुअल फंड्स में निवेश का नया ट्रेंड, निवेशक हो रहे हैं आकर्षित

अक्टूबर में म्यूचुअल फंड्स में निवेश बढ़ा। लेकिन इक्विटी फंड्स में 19% की कमी आई। डेट फंड्स में भी निवेश बढ़ा है। जानिए इस ट्रेंड के पीछे की वजह और इसके प्रभाव।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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MUMBAI.अक्टूबर महीने में इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिला। इक्विटी (शेयर आधारित) फंड्स में निवेश लगातार घट रहा था। वहीं, डेट फंड्स (जैसे बॉन्ड) में निवेश लगातार बढ़ रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स के लिए यह एक अहम मोड़ है। निवेशकों ने अब शेयर बाजार से ज्यादा सुरक्षित निवेश की तलाश शुरू कर दी है।

इक्विटी फंड्स में निवेश क्यों घटा?

अक्टूबर में इक्विटी फंड्स में निवेश में 19% की गिरावट आई। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख शेयर बाजारों में 4% की तेजी आई। हालांकि, निवेशकों ने अब भी इक्विटी फंड्स में निवेश करने से दूरी बनाई।

इसके बावजूद, कुछ विशेष प्रकार के इक्विटी फंड्स जैसे फ्लेक्सी-कैप फंड्स में निवेशकों ने रुचि दिखाई। इन फंड्स की एक खासियत है कि ये बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से एडजस्ट होते रहते हैं। इससे निवेशकों को सुरक्षा मिलती है। 

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डेट फंड्स में निवेश का रुझान बढ़ा

डेट फंड्स में अक्टूबर में 1.59 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। यह कुल म्यूचुअल फंड्स निवेश का 73.6% था। सितंबर में 1.01 लाख करोड़ की निकासी हुई थी, जो एक बड़ा अंतर है। अब निवेशक बॉन्ड जैसे डेट-आधारित निवेशों को ज्यादा भरोसेमंद मान रहे हैं। ये बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाते हैं और बेहतर सुरक्षा का भरोसा देते हैं।

हाइब्रिड फंड्स में निवेश बढ़ा

हाइब्रिड फंड्स में भी निवेश में 51% की बढ़ोतरी देखी गई है। ये फंड्स डेट और इक्विटी दोनों का मिश्रण होते हैं। इससे निवेशक दोनों बाजारों का लाभ उठा सकते हैं। इन फंड्स के जरिए निवेशक जोखिम कम कर सकते हैं और बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में भी मुनाफा वसूली की हलचल

गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में अक्टूबर में हल्की निकासी देखने को मिली। इस साल 2025 में अब तक इसमें कुल 27,573 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुनाफा वसूली का मामला था। राजनीतिक अस्थिरता, वैश्विक आर्थिक समस्याएं और ब्याज दरों में कमी की के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशक दिलचस्पी बनाए हुए हैं।

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म्यूचुअल फंड हाउस की शेयर वैल्यू पर असर

इक्विटी फंड्स में निवेश में गिरावट के कारण म्यूचुअल फंड हाउस की शेयर वैल्यू भी प्रभावित हुई। निप्पन लाइफ इंडिया, यूटीआई एएमसी और एबीएसएल एएमसी के शेयरों में क्रमशः 2.33%, 2.27% और 2.02% की गिरावट आई।

FAQ

1. म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी और डेट फंड्स में अंतर क्या है?
इक्विटी फंड्स शेयर बाजार में निवेश करते हैं और इससे अधिक रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन इसमें जोखिम भी ज्यादा होता है। वहीं, डेट फंड्स में निवेश सरकार या कंपनियों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड्स में किया जाता है, जिनमें ज्यादा सुरक्षा होती है, लेकिन रिटर्न कम होते हैं।
2. हाइब्रिड फंड्स में निवेश करना कितना सुरक्षित है?
हाइब्रिड फंड्स में डेट और इक्विटी दोनों का मिश्रण होता है, जिससे निवेशक जोखिम को कम कर सकते हैं। ये फंड्स ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो जोखिम कम करना चाहते हैं लेकिन अच्छा रिटर्न भी चाहते हैं।
3. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना कितना लाभकारी हो सकता है?
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको सोने के दामों के उतार-चढ़ाव से फायदा हो सकता है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, खासकर तब जब वैश्विक आर्थिक स्थिति अस्थिर हो।

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