300 crore murder mystery : महाराष्ट्र के नागपुर ( Nagpur ) में महिला ने ससुराल पक्ष की 300 करोड़ रुपए की संपत्ति हथियाने के लिए ससुर पुरुषोत्तम पुत्तेवार की हत्या करवा दी। इसके लिए उसने 1 करोड़ की सुपारी दी थी। पुलिस ने हत्या की मास्टरमाइंड महिला, उसके भाई और उसके पीए को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में शामिल 3 आरोपी अभी फरार हैं। इनकी तलाश की जारी है।
हिट एंड रन का मामला हुआ था
22 मई को नागपुर के अजनी इलाके में हिट एंड रन मामला हुआ था। तेज रफ्तार कार ने पुरुषोत्तम पुत्तेवार ( 72 ) को टक्कर मारी। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।अर्चना ने पुलिस को बताया कि हत्या के लिए ड्राइवर और उसके साथियों को 1 करोड़ और बार का लाइसेंस दिलाने का लालच दिया था।
अर्चना पुत्तेवार पर हुआ शक
इसमें सामने आया था कि पुरुषोत्तम की हत्या उस वक्त की गई थी, जब वे अपनी पत्नी से मिलकर वापस आ रहे थे। उनकी पत्नी शकुंतला का ऑपरेशन हुआ था, जिसके चलते वे अस्पताल में हैं। पुरुषोत्तम का बेटा मनीष डॉक्टर है। पूछताछ के दौरान बेटे मनीष की पत्नी अर्चना पुत्तेवार ( Archana Puttewar ) की भूमिका संदिग्ध नजर आई थी।
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300 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश
पुलिस ने अर्चना की जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि अर्चना नागपुर में टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट में सहायक निदेशक है। वह गढ़चिरौली में भी पदस्थ रह चुकी है। ससुर पुरुषोत्तम की हत्या की साजिश में उसने अपने पति के ड्राइवर सार्थक बागड़े, भाई प्रशांत और पीए पायल को शामिल किया था।
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1 करोड़ का लालच दिया
अर्चना ने इनको हत्या के लिए 1 करोड़ का लालच दिया। ड्राइवर सार्थक ने प्लान में अपने दो साथियों नीरज निमजे और सचिन धार्मिक को शामिल किया।
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पुरानी कार खरीदी गई
अर्चना के दिए पैसों से पहले पुरानी कार खरीदी गई। नीरज निमजे और सचिन धार्मिक ने 22 मई पुरुषोत्तम पुत्तेवार की कार से टक्कर मारकर हत्या कर दी। इन्हें लगा कि मामला एक्सीडेंट का होगा। लेकिन पुलिस ने केस की गहराई से जांच की। पूछताछ में अर्चना ने ससुर की हत्या कराने की बात कबूल ली। पुलिस ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल की गई कार, कुछ सोना और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। मामले में आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। ड्राइवर सार्थक बागरे और उसके दोनों साथी नीरज और सचिन फरार हैं। उनकी तलाश जारी है।
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पॉलिटिक्स में अच्छी पकड़
पुलिस के मुताबिक, अर्चना के खिलाफ नगर नियोजन विभाग में भी कई बार शिकायतें सामने आ चुकी हैं। उस पर नियमों का उल्लंघन करने और अवैध लेआउट को मंजूरी देने का आरोप है। लेकिन राजनीति में दखल होने के चलते उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई थी।