देश में नीट-यूजी में हुई गड़बड़ियों को लेकर मामला सुलगा हुआ है। सड़क से लेकर संसद तक इसी मुद्दे की चर्चा है। एक ओर सड़क पर छात्र, पेरेंट्स और शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर कल 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के शपथ लेने के दौरान 'नीट-नीट' के नारे लगे।
इस बीच एक मीडिया संस्थान द्वारा नीट मामले में इन्वेस्टीगेशन की गई। उनके अनुसार नीट का पेपर लीक ( neet paper leak ) हुआ था। 700 छात्रों के लिए यह पेपर लीक कराया गया। हर छात्र से 40 लाख तक की वसूली की गई।
पेपर लीक की हुई थी भविष्यवाणी
मार्च महीने में नीट पेपर लीक की भविष्यवाणी करते हुए एक युवक बिजेंद्र गुप्ता का वीडियो वायरल हुआ था। इस पर उड़ीसा, बिहार और मध्य प्रदेश में पेपर लीक करवाने के आरोप हैं।
यह नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड को जानता है। बिजेंद्र ने संजीव मुखिया को पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया। साथ ही यह भी बताया कि पेपर लीक कैसे होता है। संजीव पहले भी कई पेपर लीक कर चुका है। इस बार वह पर्चा लीक करवाकर 100 से 200 करोड़ तक कमाना चाहता था।
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700 स्टूडेंट्स के लिए पेपर लीक
बिजेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि संजीव मुखिया ने 700 छात्रों के लिए पेपर लीक किया। उसने हर छात्र से नीट के पेपर के बदले 40 लाख रुपए लिए थे। यह आरोपी कई और राज्यों में पेपर लीक करवा चुका है।
बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि ऐसे मामलों में पेपर का रिजल्ट आने के बाद पैसे दिए जाते हैं। इस बार पेपर लीक का खुलासा हो गया। इससे संजीव बर्बाद हो गया। उसे कोई पैसे नहीं मिलेंगे।
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NTA के लूपहोल का खुलासा किया
बिजेंद्र गुप्ता ने NTA के कुछ लुपहोल्स ( loopholes in nta ) का भी खुलासा किया जिसके कारण उसके जैसे लोग पेपर लीक करवा पाते हैं। गुप्ता के अनुसार NTA जिस कंपनी को इवैल्यूएशन का काम देती है, चूक उस कंपनी की ओर से होती है।
गुप्ता ने दावा किया कि जिन 1500 बच्चों का रीइग्जाम हुआ उन्हें टिक लगाने के बजाय प्रक्रिया से जवाब हल करने को कहिए। उसने कहा कि अगर ये छात्र 50 परसेंट उत्तर दे देते हैं, तो वे सजा सह लेंगे।
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ऐसे होता है पेपर लीक ?
NEET जैसी परीक्षाओं के पेपर काफी सिक्योरिटी के अंदर बनते हैं। पहले ये पेपर ज्यादातर प्रिटिंग प्रेस से लीक होते थे। अब ये ट्रांसपोर्टेशन के समय लीक होते हैं।
प्रिंटिंग प्रेस से ट्रांसपोर्ट होते समय पेपर के बॉक्स तोड़कर इसे लीक किया जाता है। इसके लिए एक पूरा गिरोह होता है, जो पेपर छपने की हर एक्टिविटी पर नजर रखता है।
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