शांति का नोबेल पुरस्कार 2025: 20 साल से लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली वेनेजुएला की मारिया मचाडो को मिला अवॉर्ड

वेनेजुएला में वीपक्षी की नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। जो वेनेजुएला के लोकतंत्र के लिए 20 साल से संघर्ष कर रही थीं। जानें क्या था उनका संघर्ष और कैसे लड़ी उन्होंने लड़ाई...  

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Jitendra Shrivastava
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Maria Corina Machado

Photograph: (thesootr)

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शांति का नोबेल पुरस्कार 2025: वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्हें यह पुरस्कार उनके निरंतर संघर्ष और लोकतंत्र में उनके समर्पण के लिए दिया गया है। मचाडो ने पिछले 20 वर्षों में वेनेजुएला के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है, जहां तानाशाही शासन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

तानाशाही के खिलाफ मचाडो का संघर्ष 

नोबेल समिति ने यह पुरस्कार उन साहसी लोगों को देने का निर्णय लिया है जो तानाशाही शासन के खिलाफ खड़े होते हैं। मचाडो का संघर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने सुमाते नामक नागरिक समूह की स्थापना की, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा देता है और चुनावों की निष्पक्षता की निगरानी करता है।

धमकी के बावजूद उद्देश्यों से समझौता नहीं

नोबेल प्राइज विजेता मारिया मचाडो को लोकतंत्र के लिए संघर्ष पर वेनेजुएला की सरकार से लगातार धमकियां मिलती रही। उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा को लेकर कई बार खतरे महसूस हुए। उनके खिलाफ कई उत्पीड़न की घटनाएं घटी हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने उद्देश्यों से समझौता नहीं किया। उनका साहस और दृढ़ नेतृत्व सभी को प्रेरणा देता है।

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चुनावों में धांधली का किया विरोध

मारिया मचाडो ने वेनेज़ुएला में 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में गहरी धांधली का विरोध किया। उन्हें चुनाव में भाग लेने से रोक दिया गया था, जो पश्चिमी देशों और मानवाधिकार संगठनों द्वारा कड़ी आलोचना का कारण बना। इसके बावजूद मचाडो ने अपनी लड़ाई जारी रखी और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

शांति की बहादुर और समर्पित चैंपियन

नोबेल समिति ने वेनेजुएला की मारिया मचाडो को “शांति की बहादुर और समर्पित चैंपियन” के रूप में प्रस्तुत किया है। समिति ने कहा कि लोकतंत्र और शांति की स्थिरता के लिए ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना आवश्यक है जो अपने अधिकारों की रक्षा के लिए उठ खड़े होते हैं, चाहे उन्हें कितना भी खतरा क्यों न हो।

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2025 के अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता...

मेडिसिन नोबेल पुरस्कार (Medicine Nobel Prize 2025)

9 अक्टूबर को मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मेरी ई. ब्रंको, फ्रेड रैम्सडेल और डॉ. शिमोन सकागुची को दिया गया। उन्हें "फेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस" (Peripheral Immune Tolerance) में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार 2025

10 अक्टूबर को फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को दिया गया। यह पुरस्कार उन्हें "सब-एटॉमिक क्वांटम टनलिंग" (Sub-Atomic Quantum Tunneling) पर उनके शोध के लिए प्रदान किया गया।

केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार 2025

11 अक्टूबर को केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार सुसमू कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और ओमर एम यागी को मेटल-कार्बनिक फ्रेमवर्क (Metal-Organic Framework) पर उनके योगदान के लिए दिया गया।

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2025

2025 में साहित्य का नोबल पुरस्कार पाने वाले लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई की लेखनी पर गहरी छाप है, जो अक्सर अस्तित्व, जीवन की गहरी वास्तविकताओं और मानसिक जटिलताओं पर आधारित होती है। उनके लेखन का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के अस्तित्व और उसे घेरने वाले मानसिक, भौतिक और ऐतिहासिक संघर्षों का चित्रण करना है। 

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलेगा? 

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के साथ-साथ उन्हें एक विशेष डिप्लोमा, 18 कैरेट का गोल्ड मेडल और 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग साढ़े दस करोड़ रुपए) की धनराशि दी जाती है। यह पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाता है, जो अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि होती है।

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