बेटे के ऑपरेशन का इंतजार कर रहे पिता को OT में ले जाकर लगा दिया चीरा

कोटा के एक अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने गलती से पिता को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर चीरा लगा दिया। मामले के खुलासे के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है। पीड़ित पिता और बेटे ने अस्पताल प्रशासन से जांच की मांग की है।

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Jitendra Shrivastava
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THE SOOTR

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राजस्थान के कोटा शहर के मेडिकल कॉलेज में एक चौंकाने वाली घटना हुई, जिसमें operation से पहले एक मरीज के पिता को OT में ले जाकर गलती से ऑपरेशन कर दिया गया। यह घटना 12 अप्रैल को कोटा के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में हुई, जहां कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट में एक मरीज को डायलिसिस फिस्टुला बनाने के लिए ऑपरेशन किया जाना था।

operation के दौरान मरीज का अटेंडेंट, जो कि पिता था, ऑपरेशन थिएटर के बाहर इंतजार कर रहा था। अचानक अस्पताल के स्टाफ ने उसे आकर आवाज लगाई और कहा, “जगदीश कौन है?” जब पिता ने हाथ उठाकर अपना नाम बताया, तो स्टाफ ने उसे OT में ले जाकर टेबल पर लिटा दिया और उसके हाथ में डायलिसिस फिस्टुला बनाने के लिए चीरा लगा दिया। 

गलती का खुलासा और अस्पताल में हड़कंप

चरणों में गलती तब पकड़ी गई जब operation कर रहे डॉक्टरों ने देखा कि यह मरीज नहीं बल्कि उसका पिता है। डॉक्टरों ने तुरंत स्थिति का आकलन किया और उस पिता को ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकाल लिया। इसके बाद मरीज को वापस ओटी में ले जाकर सही तरीके से ऑपरेशन किया गया।  अस्पताल में तुरंत हड़कंप मच गया और प्रबंधन ने घटना की जांच शुरू कर दी। अस्पताल प्रशासन ने तीन डॉक्टरों की एक जांच समिति गठित की, जो दो दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।

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अस्पताल प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

पिता के बेटे मनीष ने बताया कि उनका एक्सीडेंट हुआ था और पैर का ऑपरेशन होना था। वह ऑपरेशन थिएटर में थे और उनके पिता operation के लिए बाहर बैठे हुए थे। जब ऑपरेशन खत्म हुआ तो मनीष को अपने पिता का पता नहीं चला। बाद में मनीष को यह जानकारी मिली कि उनके पिता को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उनका ऑपरेशन कर दिया गया था।

मनीष ने बताया कि उनके पिता बोल नहीं पाते हैं और वह पैरालाइज्ड (पैरेलीस्ड) हैं। इस घटना से उनके परिवार में भारी तनाव उत्पन्न हो गया। मनीष ने अस्पताल प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

अस्पताल प्रशासन ने जांच समिति की गठित 

घटना के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी ली है और इस घटना की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक जांच समिति गठित की है। मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने इस पर बयान दिया और कहा कि मामले की जांच की जा रही है और दो दिनों में रिपोर्ट सामने आएगी। उन्होंने इस घटना के लिए खेद व्यक्त किया और इसे गंभीर मानते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

ओटी में प्रोसीजर का पालन क्यों नहीं किया?

यह घटना यह दर्शाती है कि अस्पताल में operation के दौरान जरूरी प्रोसीजर का पालन सही तरीके से नहीं किया गया। सामान्य तौर पर, ऑपरेशन से पहले मरीज को सही ड्रेस पहनाई जाती है, उसके शरीर पर सफाई की जाती है और बाल हटाए जाते हैं। लेकिन इस मामले में ये सभी स्टेप्स नज़रअंदाज़ किए गए थे, जो एक बड़ी गलती साबित हुई।

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घटना से अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल

यह घटना अस्पताल के operation प्रक्रिया पर सवाल उठाती है। क्या अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी थी? क्या काम के दबाव के कारण यह गलती हुई? और क्या यह अस्पताल की सुरक्षा और प्रक्रियाओं की कमजोरी को दर्शाता है? ये सभी सवाल जांच के दौरान सामने आ सकते हैं, और इसके आधार पर अस्पताल को भविष्य में अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की जरूरत होगी। देश दुनिया न्यूज 

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