भारत की रक्षा वेबसाइटों पर पाकिस्तानी हैकर्स का हमला, खुफिया जानकारी लीक होने का खतरा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान के साइबर अटैक के चलते भारत की महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी लीक होने का खतरा बढा। सेना ने सुरक्षा उपायों की घोषणा की...

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Jitendra Shrivastava
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pakistan-cyber-attack Photograph: (THESOOTR)

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हाल ही में, भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में स्थित पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसी बीच, भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान के हैकर्स ने भारत की कुछ प्रमुख डिफेंस वेबसाइटों पर साइबर अटैक किया है। इससे भारत के रक्षा कर्मियों की गोपनीय जानकारी लीक होने का खतरा पैदा हो गया है। इस साइबर हमले को पाकिस्तान साइबर फोर्स (Pakistan Cyber Force) द्वारा अंजाम दिया गया है, जो भारत की डिजिटल सुरक्षा को चुनौती देने के लिए जाना जाता है।

कौन सी वेबसाइट्स पर हुआ अटैक

सेना के अनुसार पाकिस्तान साइबर फोर्स ने भारत की प्रमुख डिफेंस वेबसाइटों में सेंधमारी की है। इनमें मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (MES) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (IDSA) जैसी अहम संस्थाओं की वेबसाइटें शामिल हैं। इन वेबसाइटों पर किए गए इस हमले के चलते रक्षा कर्मियों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स और अन्य महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारियों के लीक होने की संभावना जताई जा रही है।

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आर्मर्ड व्हीकल निगम की वेबसाइट पर हमला

साइबर हमलावरों ने भारत के रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ‘आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड’ (AVNL) की आधिकारिक वेबसाइट को भी निशाना बनाने की कोशिश की। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी हैकर्स ने इस वेबसाइट को न केवल नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, बल्कि इसे पाकिस्तानी झंडे और एआई (artificial intelligence) का उपयोग कर के भी बिगाड़ा।

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वेबसाइट को किया गया ऑफलाइन

इस साइबर हमले के बाद भारतीय सेना ने एहतियातन आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को तुरंत ऑफलाइन कर दिया। इसका उद्देश्य यह था कि वेबसाइट की पूरी तरह से जांच की जा सके और यह आकलन किया जा सके कि इस साइबर हमले से कितना नुकसान हुआ है। साथ ही, वेबसाइट की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाए गए।

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साइबर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियां और विशेषज्ञ इस घटना के बाद साइबर स्पेस की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। इन एजेंसियों का उद्देश्य पाकिस्तान से जुड़े किसी भी संभावित साइबर हमले का तुरंत पता लगाना और उसे विफल करना है। भारत सरकार और सेना की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि इस हमले के बाद सुरक्षा ढांचे को और मजबूत किया जाएगा, साथ ही भविष्य में होने वाली साइबर घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे।

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डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने उठाए कदम 

भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इस साइबर हमले के मद्देनजर अपनी डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। इन कदमों में सुरक्षा ढांचे को सुधारना, डिजिटल सुरक्षा की प्रणाली को पुख्ता करना और भविष्य के किसी भी खतरे का तुरंत पता लगाने के लिए तंत्र को अद्यतन करना शामिल है।

कैसे हुआ पाकिस्तान का साइबर हमला?

पाकिस्तान की ओर से किए गए इस साइबर हमले के कारणों पर चर्चा करते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमले भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव का परिणाम हो सकते हैं। पाकिस्तान के हैकर्स, जो पहले भी कई बार साइबर हमलों में शामिल हो चुके हैं, इस बार भारतीय रक्षा संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों का उद्देश्य केवल डिजिटल प्रणालियों को बाधित करना ही नहीं, बल्कि सुरक्षा जानकारियों को चुराकर भारत के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न करना भी हो सकता है।

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