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NEW DELHI. संसद का शीतकालीन सत्र (विंटर सेशन) 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिनों के सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी मीडिया को दी।
रिजिजू ने कहा कि यह सत्र सार्थक होगा, जो लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। 21 जुलाई से 21 अगस्त तक संसद का मानसून सेशन चला था।
The Hon’ble President of India Smt. Droupadi Murmu ji has approved the proposal of the Government to convene the #WinterSession of #Parliament from 1st December 2025 to 19th December, 2025 (subject to exigencies of Parliamentary business).
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) November 8, 2025
Looking forward to a constructive &… pic.twitter.com/QtGZn3elvT
क्या बोले जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि शीतकालीन सत्र छोटा रखा गया है। यह सत्र 15 कार्यदिवस का होगा। उन्होंने सवाल किया कि यह क्या संदेश देता है? रमेश ने कहा कि सरकार के पास कोई काम नहीं है। न कोई विधेयक पास करना है, न कोई बहस होगी।
विपक्ष CEC के खिलाफ ला सकता है महाभियोग
संसद के शीतकालीन सत्र में I.N.D.I.A. ब्लॉक महाभियोग ला सकता है। यह महाभियोग मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ हो सकता है। दरअसल 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक हुई थी।
इस बैठक के बाद कांग्रेस, TMC समेत 8 विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था, महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। CEC के रवैये को देखते हुए हम शीतकालीन सत्र में नोटिस देंगे।
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मानसून सत्र में कितनी चली थी संसद की कार्यवाही
लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय था, लेकिन केवल 37 घंटे कार्यवाही हुई। राज्यसभा में 41 घंटे चर्चा हुई। लोकसभा और राज्यसभा में कुल 27 बिल पास हुए। पीएम और सीएम को हटाने वाला संविधान संशोधन बिल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इसे जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी) के पास भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
एक साल में कुल कितने संसद सत्र
सामान्यत: एक साल में तीन संसद सत्र होते हैं। बजट सत्र फरवरी से मई तक होता है। इस सत्र में बजट पर विचार और अनुमोदन होता है। विभागों की समितियां अनुदानों की मांगों पर विचार करती हैं। मानसून सत्र जुलाई से अगस्त के बीच होता है। साल का अंत शीतकालीन सत्र से होता है। शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच बुलाया जाता है।
मानसून सत्र में बर्बाद हुआ था समय
संसद का मानसून सत्र 21 अगस्त को स्थगित कर दिया गया था। एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे से 166 घंटे बर्बाद हुए थे। इससे जनता के 248 करोड़ रुपए खर्च हुए। ऑपरेशन सिंदूर पर टकराव टला, लेकिन एसआईआर पर हंगामा जारी रहा।
हंगामे से लोकसभा के 84.5 घंटे और राज्यसभा के 81.12 घंटे बर्बाद हुए। राज्यसभा की कार्यवाही केवल 38.88 घंटे चली। एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपए खर्च होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 126 और 122 करोड़ रुपए बर्बाद हुए। अंतिम नौ कार्य दिवसों में विधायी कामकाज निपटाए गए। राज्यसभा में 15 और लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए थे।
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