राजस्थान में फिर सुनाई देने लगी आरक्षण की आहट, इस बार घुमंतू और पशुपालक समाज ने भरी हुंकार

राजस्थान के पाली में घुमंतू और पशुपालक समाज के हजारों लोगों ने डाला महापड़ाव, ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे पर लगा जाम। आंदोलनकारी नेताओं ने चेताया, सरकार आकर वार्ता करे, नहीं तो गुर्जर-किसानों की तरह होगा आंदोलन।

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Rakesh Kumar Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में एक बार फिर से आरक्षण को लेकर आंदोलन की आहट शुरू होने लगी है। इस बार आरक्षण का मोर्चा संभाल रहे हैं पशुपालक और घुमंतू समाज से जुड़े लोग। दस फीसदी आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर समाज के लोग दो दिन से पाली जिले के बालराई के पास हाईवे के पास महापड़ाव डाले हुए हैं। इनके महापड़ाव से हाईवे पर कई किलोमीटर दूर तक जाम लगा हुआ है। प्रशासन ने कल लाठीचार्ज करके हाईवे से लोगों को हटाया था, लेकिन शनिवार को फिर से भीड़ जुट गई।

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कई नेताओं का समर्थन

पिंडवाड़ा-ब्यावर हाईवे पर 10 किमी लंबा जाम लग गया है। पुलिस प्रशासन ने दोनों तरफ से पांच-पांच किलोमीटर दूर पहले ही गाड़ियों का आवागमन रोक दिया है। महापड़ाव में हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति को देखते हुए लग रहा है कि राजस्थान में फिर से आरक्षण आंदोलन की आहट प्रारंभ हो चुकी है।

इस आंदोलन को आरएलपी संयोजन हनुमान बेनीवाल, निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने समर्थन कर दिया है। यह मूवमेंट राजस्थान में फिर से बड़े आरक्षण आंदोलन की आहट मानी जा रही है।

घुमंतू समाज को मिले दस फीसदी आरक्षण

राष्ट्रीय पशुपालक संघ और राजस्थान डीएनटी (घुमंतू, अर्ध घुमंतू एवं विमुक्त) संघर्ष समिति ने 10 सूत्री मांगों को लेकर बालराई पाली के पास एक्सप्रेस हाईवे पर महापड़ाव डाला है। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवासी के नेतृत्व में हजारों लोग सड़क पर उतर आए। इनकी प्रमुख मांग है कि राजस्थान सरकार डीएनटी मंत्रालय बनाए। सरकारी नौकरी और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण दिया जाए। पंचायत और शहरी निकायों में सीटें आरक्षित की जाए। 

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आवासीय पट्टा भी मिले

उनका कहना है कि हमें आवासीय भूमि का पट्टा दिया जाए। बच्चों की शिक्षा के लिए अलग से बजट हो और जातियों की सूची में विसंगतियों को दूर किया जाए। इन मांगों को लेकर पशुपालक और डीएनटी समाज में लगातार मीटिंगों के दौर चल रहे थे। समाज की तरफ से सरकार और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।

पुलिस ने हाईवे खाली कराया

आंदोलनकारियों के हाईवे के पास महापड़ाव डालने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने नेताओं से वार्ता की। कई दौर की वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बनी। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज करके हाईवे खाली करवाया। बाद में प्रदर्शनकारी फिर जमा होने लगे। लाठीचार्ज की सुनकर ओर अधिक लोग पड़ाव स्थल पर पहुंचे हैं। प्रदर्शन और पड़ाव के चलते हाईवे पर जाम लग गया।

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बड़े आंदोलन की चेतावनी  

देवासी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार वार्ता करे, नहीं तो ये गुर्जर और किसानों की तरह आंदोलन होगा। सरकार के नुमाइंदे वार्ता के लिए नहीं आ रहे हैं, जबकि हमारी मांगे जायज हैं। उधर, जिला कलेक्टर एलएन मंत्री और एसपी आदर्श सिद्धू के नेतृत्व में भारी पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात है। अधिकारी प्रदर्शनकारी नेताओं से समझाइश कर रहे हैं। वहीं देवासी का कहना है कि वे मांगों के निपटारा होने तक महापड़ाव में डटे रहेंगे।

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प्रदर्शन पर राजनीति भी शुरू

महापड़ाव को कांग्रेस, आरएलपी और दूसरे नेताओं का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। महापड़ाव के दौरान आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल और शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे पुलिस का दमन बताया है। साथ ही आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। इन नेताओं के समर्थन से आंदोलन के तेज होने की संभावना है।

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जाम में फंसी सैकड़ों गाड़ियां

महापड़ाव के चलते हाईवे पर जाम लग गया है। पुलिस ने महापड़ाव स्थल के दोनों तरफ पांच किलोमीटर पहले आवागमन बंद कर दिया है। वाहनों को दूसरे मार्गों से डायवर्ट किया जा रहा है। हाईवे खुलने की उम्मीद में सैकड़ों ट्रक चालक सड़क पर हैं।

वे शुक्रवार से ही सड़क पर हैं। वहीं खाना बना रहे हैं। पुलिस ने जाम में फंसे वाहनों को दूसरे मार्गों से निकालना शुरू कर दिया है। ट्रक चालकों का कहना है कि जीपीएस सिस्टम के चलते वापस पीछे नहीं जा सकते। पास के गांवों से पानी मंगवा रहे हैं।

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