केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगा सकेंगे फिजियोथेरेपिस्ट, जानें वजह

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत फिजियोथेरेपिस्टों को अपने नाम के आगे डॉ. शब्द लगाने से रोका गया है। जानें केंद्र सरकार ने यह फैसला क्यों लिया...

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Amresh Kushwaha
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाम के आगे डॉक्टर लगाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत फिजियोथेरेपिस्टों को अपने नाम के आगे डॉक्टर (Doctor) शब्द का प्रयोग करने से रोका गया है। यह आदेश स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) के जरिए जारी किया गया है। साथ ही, भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) को भी इसकी जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने यह निर्णय भारतीय भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास संघ (IAPMR) जैसे संगठनों से मिली शिकायतों के बाद लिया है।

डॉ. उपाधि के हकदाक नहीं है फिजियोथेरेपिस्ट

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के डॉ. सुनीता शर्मा ने IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली को भेजे पत्र में साफ कहा कि फिजियोथेरेपिस्ट को किसी भी हालत में डॉक्टर शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। फिजियोथेरेपिस्ट के पास चिकित्सा की वैध डिग्री नहीं होती है। इसलिए वे इस उपाधि के हकदार नहीं हैं।

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केवल ये कर सकेंगे डॉक्टर उपाधि का प्रयोग

महानिदेशालय ने अपनी निर्देशिका में कहा है कि डॉ. (Dr.) शब्द का प्रयोग केवल उन चिकित्सा चिकित्सकों के लिए आरक्षित है, जिन्होंने चिकित्सा की अधिकृत और मान्यता प्राप्त डिग्री प्राप्त की हो। ऐसे में, फिजियोथेरेपिस्टों को इस उपाधि का प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी।

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नाम के आगे डॉक्टर की उपाधि की खबर पर एक नजर

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिजियोथेरेपिस्टों को नाम के आगे डॉक्टर शब्द लगाने से रोका।

  • यह आदेश स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) द्वारा जारी किया गया है।

  • मंत्रालय का कहना है कि फिजियोथेरेपिस्टों के पास चिकित्सा की मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं होती, इसलिए वे "डॉक्टर" उपाधि के हकदार नहीं हैं।

  • 2025 तक फिजियोथेरेपिस्टों के लिए एक नई उपाधि पर विचार किया जाएगा, जो भ्रम पैदा न करे।

  • नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और यह भारतीय चिकित्सा उपाधि अधिनियम, 1916 के तहत अपराध माना जाएगा।

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जानें क्यों उठाया गया यह कदम उठाया गया

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फिजियोथेरेपिस्टों के जरिए डॉक्टर (Doctor) शब्द का प्रयोग करने से मरीजों और आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। इस फैसले का उद्देश्य अस्पष्टता को दूर करना और मरीजों को सटीक जानकारी देना है।

नई उपाधि मिलने की है संभावना

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने यह भी कहा है कि 2025 तक फिजियोथेरेपिस्टों के लिए एक नई और सम्मानजनक उपाधि (Respectful Title) पर विचार किया जाएगा। जो रोगियों या जनता के बीच कोई भ्रम न उत्पन्न करे। मंत्रालय इस उपाधि को मेडिकल डिग्री से संबंधित नहीं बनाएगा।

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नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

महानिदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई फिजियोथेरेपिस्ट इस आदेश का उल्लंघन करता है और बिना मान्यता प्राप्त चिकित्सा डिग्री के डॉक्टर शब्द का प्रयोग करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भारतीय चिकित्सा उपाधि अधिनियम, 1916 के तहत यह उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई का कारण बनेगा।

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