पीएम नरेंद्र मोदी 30 मार्च को नागपुर का दौरा करेंगे, जहां वे गुड़ी पड़वा के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सरकार और संघ के बीच मजबूत होते तालमेल का प्रतीक है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और मोहन भागवत मदन नेत्रालय के नए नेत्र देखभाल और अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखेंगे, जो आरएसएस के दूसरे प्रमुख मधवराव गोलवलकर की स्मृति में स्थापित किया जा रहा है। यह आयोजन संघ के समाज सेवा के दृष्टिकोण को और बीजेपी सरकार के विकासात्मक एजेंडे को जोड़ता है, जिससे दोनों संस्थाओं के बीच सामंजस्य और एकता का प्रतीक मिलता है।
मदन नेत्रालय और संघ का समाजसेवा दृष्टिकोण
मदन नेत्रालय का उद्घाटन संघ की समाजसेवा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह न केवल एक चिकित्सकीय केंद्र है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि संघ की विचारधारा और बीजेपी की सरकार के एजेंडे में एक गहरा तालमेल है। यह नेत्रालय आधुनिक चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा, जो समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा।
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संघ के संस्थापकों को दे सकते हैं श्रद्धांजलि
नागपुर दौरे के दौरान पीएम मोदी एक भावनात्मक कदम उठा सकते हैं। वे आरएसएस के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार और गोलवलकर की समाधियों पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यह कदम न केवल संघ के संस्थापकों के प्रति सम्मान को दिखाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि संघ की विचारधारा आज भी बीजेपी की नीतियों में जीवित है। पीएम मोदी का यह कदम हिंदू परंपराओं और राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूती से प्रदर्शित करता है।
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संघ और सरकार के बीच बढ़ता हुआ तालमेल
पीएम मोदी ने कई बार अपने भाषणों में संघ के अनुशासन, राष्ट्र प्रथम और सांस्कृतिक पहचान जैसे मूल्यों को प्रमुखता दी है। नागपुर में संघ का मुख्यालय है, और यहां पीएम मोदी का दौरा यह संकेत देता है कि उनका नेतृत्व केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि गहरे वैचारिक आधार पर भी मजबूती से खड़ा है। यह दौरा संघ और बीजेपी के कोर समर्थकों के बीच उत्साह बढ़ाएगा और विपक्ष के लिए एक संदेश भी भेजेगा कि सरकार अपनी वैचारिक नींव पर अडिग है।