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service-charge-restaurant Photograph: (thesootr)
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि होटल और रेस्टोरेंट अपने बिल में सर्विस चार्ज (Service Charge) जोड़ने के लिए उपभोक्ताओं से मजबूरी में नहीं ले सकते। कोर्ट ने यह निर्णय केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के दिशा-निर्देशों के पक्ष में दिया और इन दिशा-निर्देशों को लागू करने की आवश्यकता जताई।
इस फैसले में जज प्रतिभा एम. सिंह ने रेस्तरां एसोसिएशन की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि रेस्टोरेंट्स और होटलों द्वारा सर्विस चार्ज लेना अनुचित व्यापार व्यवहार के बराबर है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसका भुगतान केवल उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करेगा और यह अनिवार्य नहीं होगा।
CCPA के दिशा-निर्देश और हाईकोर्ट का आदेश
2022 में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने दिशा-निर्देश जारी किए थे जिसमें कहा गया था कि कोई भी रेस्टोरेंट या होटल अपने बिल में Service Charge को शामिल नहीं कर सकता। इसके अलावा, सर्विस चार्ज को किसी अन्य नाम से भी नहीं छिपाया जा सकता।
कोर्ट ने इन दिशा-निर्देशों को बरकरार रखते हुए यह निर्णय दिया कि होटल और रेस्टोरेंट अपने उपभोक्ताओं से सर्विस चार्ज वसूलने के लिए उन्हें मजबूर नहीं कर सकते। यह शुल्क पूरी तरह से उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करेगा और इसके बारे में स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए।
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रेस्टोरेंट एसोसिएशन की आपत्ति
रेस्तरां एसोसिएशन ने इस आदेश पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि CCPA के दिशा-निर्देश मनमाने और अस्थिर हैं। उन्होंने इसे सरकारी आदेश नहीं मानने की बात भी कही थी। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और CCPA के दिशा-निर्देशों को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया।
फैसले के बाद के प्रभाव
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद, होटल और रेस्टोरेंट्स को अपने बिल में सर्विस चार्ज को जोड़ने से पहले उपभोक्ताओं से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इसके अलावा, सर्विस चार्ज पर जीएसटी (GST) का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस फैसले से उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा होती है और यह उन्हें अधिक पारदर्शिता प्रदान करता है।
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रेस्टोरेंट में Service Charge के खिलाफ ऐसे करें शिकायत...
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद, यह स्पष्ट हो चुका है कि रेस्टोरेंट्स और होटलों को अपनी इच्छा से सर्विस चार्ज वसूलने का अधिकार नहीं है। यह शुल्क पूरी तरह से उपभोक्ता की स्वीकृति पर निर्भर करता है। अगर कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज वसूलता है, तो उपभोक्ता को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए और यह अनिवार्य नहीं होना चाहिए। यदि किसी रेस्टोरेंट ने इन नियमों का उल्लंघन किया है, तो आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत दर्ज करना
भारत में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) के तहत कई प्रावधान हैं। यदि कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज वसूलता है और इस पर उपभोक्ता को जानकारी नहीं दी जाती, तो उपभोक्ता इसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।
उपभोक्ता फोरम में शिकायत...
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA): यदि आप किसी रेस्टोरेंट से असंतुष्ट हैं, तो सबसे पहले CCPA को शिकायत कर सकते हैं। CCPA उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है।
- राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH): आप 1915 पर कॉल करके या https://consumerhelpline.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता मामलों को सुलझाने की एक सेवा है।
रेस्टोरेंट की ऐसे करें शिकायत...
- रेस्टोरेंट से सीधे संपर्क करें: सबसे पहले, यदि आप रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज के बारे में असंतुष्ट हैं, तो आप रेस्टोरेंट के मैनेजर या ग्राहक सेवा से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें अपनी शिकायत बताकर इसका समाधान प्राप्त करने की कोशिश करें।
- लिखित शिकायत दें: यदि रेस्टोरेंट में मौखिक शिकायत का समाधान नहीं मिलता, तो आप एक लेखित शिकायत तैयार कर सकते हैं। इसमें आप सर्विस चार्ज से जुड़ी समस्याओं का स्पष्ट उल्लेख करें और समाधान की मांग करें।
ये हैं उपभोक्ता के अधिकार..
- स्वैच्छिक चार्ज: रेस्टोरेंट और होटलों को अपने मेनू में सर्विस चार्ज के बारे में साफ जानकारी देनी होती है। यह शुल्क स्वैच्छिक (voluntary) होता है और ग्राहक इसे नहीं देना चाहते तो वे मना कर सकते हैं।
- कोई बाध्यता नहीं: यदि रेस्टोरेंट द्वारा सर्विस चार्ज लिया जा रहा है, तो उपभोक्ता इसे देने के लिए बाध्य नहीं है। उन्हें यह शुल्क देने से पहले स्पष्ट रूप से सूचित किया जाना चाहिए।