म्यांमार में शनिवार, 29 मार्च 2025 को फिर एक शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.1 थी और यह म्यांमार की राजधानी नेपीता के पास दोपहर 2:50 बजे आया। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी। हालांकि, इस भूकंप से किसी नए हताहत होने की खबर नहीं आई है, लेकिन यह घटनाक्रम राहत और बचाव कार्यों के दौरान हुआ है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
भूकंप के पहले वाले झटकों की तीव्रता
28 मार्च 2025 को म्यांमार में एक और शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इस भूकंप के ठीक बाद, 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया था, जिससे भारी तबाही हुई थी। म्यांमार का मांडले शहर इस भूकंप का केंद्र बना और यहां कई इमारतें गिर गईं, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ।
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अब तक 3 हजार से अधिक लोग घायल
अब तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, म्यांमार में इस भूकंप और बाद में आए झटकों में 1644 लोग मारे गए हैं और 3 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव दल अभी भी मलबे से शवों को निकालने में जुटे हुए हैं, और सरकार ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। म्यांमार में राहत कार्यों के तहत भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी है और 80 एनडीआरएफ कर्मियों को बचाव कार्य में मदद के लिए भेजा है।
पड़ोसी देश थाईलैंड में भी असर
म्यांमार में आए भूकंप का असर थाईलैंड में भी महसूस किया गया। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिससे कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई। बैंकॉक के अधिकारियों के अनुसार, 6 लोग मृत पाए गए हैं और 26 लोग घायल हैं, जबकि 47 लोग लापता हैं। चियांग माई सहित उत्तरी थाईलैंड में कई इमारतें और मंदिर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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म्यांमार भूकंप में भारत की मदद
भारत ने म्यांमार में राहत कार्यों के लिए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजी है। साथ ही, म्यांमार में राहत कार्यों के लिए 80 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कर्मियों की एक टुकड़ी भेजी गई है, जो मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयासों में मदद करेगी।