प्रदीप मिश्रा का विवादास्पद बयान, अब लड़कियों के पहनावे को लेकर क्या बोल गए?

जयपुर में प्रदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण कथा के दौरान सुरक्षा, संस्कार और बच्चों के लिए अच्छे मार्गदर्शन पर जोर दिया। उन्होंने लड़कियों के पहनावे और संस्कारों को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की।

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Jitendra Shrivastava
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THE SOOTR

pradeep-mishra Photograph: (THE SOOTR)

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जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय रखी। उन्होंने विशेष रूप से लड़कियों के पहनावे और बच्चों के संस्कारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अगर तुलसी के पौधे की जड़ दिखने लगे, तो वह पौधा मुरझा जाता है। उसी तरह, लड़कियों की नाभी (नाभि) भी उनके शरीर की जड़ मानी जाती है, जिसे ढक कर रखना चाहिए। उन्होंने इसे सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि जितना ढका रहेगा, उतनी ही सुरक्षा बनी रहेगी।

अपराध बढ़ने का कारण लड़कियों का पहनावा 

प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आजकल के अपराधों में वृद्धि का एक कारण लड़कियों और महिलाओं का पहनावा है। उनका मानना था कि घर में बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाएं तो समाज में अपराध की दर कम हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार या प्रशासन अपराधों को पूरी तरह से नहीं रोक सकता, यह कार्य सिर्फ घर के संस्कारों द्वारा ही संभव है।

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चंचला देवी का दिया उदाहरण 

कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने चंचला देवी का उदाहरण देते हुए बताया कि एक स्त्री अपने पति को गलत आदतों से बचने के लिए समझाती है। चंचला देवी अपने पति से कहती थीं कि वह गलत जगह न जाएं, गलत काम न करें, और गलत दृष्टि या विचार न रखें। यह शिक्षा आज भी हर भारतीय महिला अपने परिवार और समाज को देती है।

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आजकल जीवन की दो ही अवस्थाएं

प्रदीप मिश्रा ने जीवन के चार अवस्थाओं पर बात करते हुए कहा कि पहले जीवन में चार अवस्थाएं होती थीं – बचपन, जवानी, अधेड़ी और बुढ़ापा। लेकिन आजकल सिर्फ दो अवस्थाएं बची हैं - बचपन और बुढ़ापा। उनका कहना था कि आज के बच्चे मोबाइल चलाते हुए जवानी में किए जाने वाले काम बचपन में ही करने लगे हैं, जिससे वह सीधे बचपन से बुढ़ापे में पहुंच रहे हैं।

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बच्चों के अच्छे संस्कारों का महत्व 

प्रदीप मिश्रा ने माता-पिता को बच्चों के अच्छे संस्कार देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को 20 साल तक पढ़ाते हैं, अपने धन और श्रम को लगाते हैं, लेकिन 20 मिनट की कुसंगति से बच्चा रावण बन सकता है। उनका कहना था कि एक छोटी सी कुसंगति पूरे जीवन के संस्कार को बदल सकती है।

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बिल्वपत्र से गांठ ठीक करने का उपाय 

प्रदीप मिश्रा ने शरीर में गांठों के इलाज के लिए एक उपाय भी बताया। उन्होंने कहा कि यदि शरीर में कहीं गांठ बन जाए, तो डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। साथ ही, भगवान शिव के रूप में डॉक्टर को सम्मान देते हुए बिल्वपत्र खिलाने का सुझाव दिया। उनका मानना था कि बिल्वपत्र से किसी भी तरह की गांठ निकल जाती है।

प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे जनप्रतिनिधि 

शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मालवीय नगर के विधायक कालीचरण सर्राफ, और जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा ने भी कथा में भाग लिया। दीया कुमारी ने इस आयोजन को अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए सौभाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

विवादास्पद बयान | मध्यप्रदेश

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