जयपुर सेंट्रल जेल के चार कैदी इलाज के बहाने बाहर गए थे। वे मामूली बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल गए। जांच में पता चला कि इलाज जेल की डिस्पेंसरी में संभव था। डॉक्टर और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से रेफर पर्ची बनवाई गई। कैदियों की महिला मित्र ने होटल में कमरा बुक कराया। वहां उन्होंने शराब के साथ पार्टी की। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कैदियों का इलाज के बहाने फरार होने का प्लान
24 मई की सुबह कैदियों ने पेट दर्द और पैर दर्द का बहाना बनाया। मेडिकल स्टाफ ने मामूली बीमारी होने के बावजूद एसएमएस अस्पताल रेफर किया। वहां से वे सीधे होटल चले गए।
डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि अस्पताल में कैदियों और चालानी गार्ड की गैरमौजूदगी की सूचना मिली थी। पुलिस ने शहरभर में तलाशी की। दो कैदी सिद्धार्थ होटल में मिले, जबकि दो कैदी पांच सितारा होटल में महिला मित्र के साथ पकड़े गए।
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होटल में शराब पार्टी का मामला
होटल में कैदियों के लिए लंच और शराब का इंतजाम किया गया था। महिला मित्र ने होटल का कमरा बुक कराया था। कैदियों को शाम पांच बजे तक जेल लौटना था, लेकिन वे पूरी दिन होटल में रहे।
पुलिस टीम ने रेड मारने पर दोनों कैदियों ने भागने की कोशिश की। जालूपुरा से पकड़े गए दो कैदी मादक पदार्थ और मोबाइल लेकर जेल लौट रहे थे। दोनों कैदियों की आईडी होटल में नहीं ली गई थी।
डॉक्टर और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत
जांच में पता चला कि मामूली बीमारी होने के बावजूद कैदियों को रेफर पर्ची मिली। डॉक्टर से मिलीभगत कर कैदियों ने इलाज के बहाने बाहर जाने का मौका पाया।
पुलिस ने आनंदीलाल नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसने रेफर पर्ची के लिए 20 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। पुलिसकर्मी विकास कई बार चालानी गार्ड बनकर कैदियों की मदद करता रहा।
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पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 15 पर मामला दर्ज, कई गिरफ्तारियां
इस मामले में चार कैदियों के अलावा 5 पुलिसकर्मियों समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच लालकोठी थाना पुलिस कर रही है।
डीआईजी जेल की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है। जेल अधीक्षक राकेश मोहन ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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