पंजाब में फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को बुधवार को पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर से हटा दिया। पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचों को भी हटा दिया और उन्हें रास्ते से हटा दिया। इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंढेर समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में तनाव फैल गया, और पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
पुलिस कार्रवाई पर क्या बोले अधिकारी
पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने बताया कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें उचित चेतावनी दी थी और फिर इलाके को खाली करवा लिया। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों ने शांतिपूर्वक सहयोग किया और खुद ही बसों में बैठकर घर चले गए। एसएसपी के अनुसार, किसानों ने विरोध प्रदर्शन को बिना किसी बल प्रयोग के समाप्त किया और पुलिस को किसी भी तरह के संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ा।
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कांग्रेस और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने इस कार्रवाई की निंदा की और आरोप लगाया कि केंद्र और पंजाब सरकार किसानों को अलग-थलग करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को लगातार धोखा दिया जा रहा है। वहीं शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ने चुनावों के दौरान किसानों से जो वादे किए थे, वे अब झूठे साबित हो रहे हैं।
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किसान नेता की हिरासत में
पुलिस ने किसानों को रास्ते से हटाने के बाद कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया और इस दौरान कई अन्य जिलों से पुलिस कर्मियों को शंभू और खनौरी बॉर्डर के पास तैनात किया गया। यह पूरी कार्रवाई उस समय की गई जब किसान नेता चंडीगढ़ से मोहाली जा रहे थे और उनके रास्ते में भारी बैरिकेडिंग की गई थी।
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पुलिस कार्रवाई का कारण
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस पुलिस कार्रवाई को लेकर कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि राज्य सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने की कोशिश कर रही थी। उनका कहना था कि किसानों को दिल्ली या अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, क्योंकि उनकी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के व्यापारी और युवा लोग इस स्थिति से परेशान हैं, क्योंकि सीमा बंद होने के कारण व्यापार और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं।