ट्रेनों में लगातार बढ़ रही वर्चुअल भीड़, तीन साल में नौ करोड़ के हुए टिकट कैंसिल, आटो कैंसिल से परेशान हैं लोग

रेलवे सिस्टम में कई अव्यवस्थाएं और समस्याएं उभर कर सामने आई हैं। सबसे बड़ी समस्या, जो अक्सर यात्रियों को परेशान करती है, वह है 'वर्चुअल भीड़' और 'ऑटो कैंसिल' की समस्या।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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भारत में रेलवे एक अहम परिवहन साधन है, जिसमें करोड़ों लोग रोज़ सफर करते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में रेलवे सिस्टम में कई अव्यवस्थाएं और समस्याएं उभरकर सामने आई हैं। सबसे बड़ी समस्या, जो अक्सर यात्रियों को परेशान करती है, वह है 'वर्चुअल भीड़' और 'ऑटो कैंसिल' की समस्या।

यह समस्या उन यात्रियों के लिए और भी कष्टकारी बन गई है जो वेटिंग टिकट लेकर यात्रा की योजना बनाते हैं, लेकिन उनकी सीट क्लीयर नहीं हो पाती है। हाल ही में आए आंकड़े इस स्थिति की गंभीरता को और अधिक स्पष्ट करते हैं।

क्या है 'ऑटो कैंसिल' और वर्चुअल भीड़?

'ऑटो कैंसिल' (Auto-Cancel) वह स्थिति होती है जब वेटिंग टिकट चार्ट बनने से पहले कंफर्म नहीं हो पाती और रेलवे का सिस्टम उसे अपने आप रद्द कर देता है। इस स्थिति का सामना पिछले तीन सालों में करीब 9 करोड़ यात्रियों को करना पड़ा है। इसका मतलब है कि प्रति वर्ष औसतन 3 करोड़ लोग अपने टिकट की कंफर्म सीट न मिलने के कारण अपनी यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होते हैं।

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वेटिंग टिकट: एक चुनौती

आईआरसीटीसी (IRCTC) के माध्यम से टिकट बुक करते समय यदि किसी यात्री को वेटिंग टिकट मिलती है, तो उसकी उम्मीद रहती है कि यात्रा के समय यह टिकट कंफर्म हो जाएगी। लेकिन यह उम्मीद अक्सर गलत साबित होती है। रेलवे के मुताबिक, साल 2024-25 में 2.14 करोड़ पीएनआर (पैसेंजर नेम रिकॉर्ड) ऑटो कैंसिल हो चुके हैं, जिसके कारण 3.27 करोड़ यात्री अपनी यात्रा से वंचित रह गए।

4 गुना बढ़े ऑटो कैंसिल आंकड़े:
2020-21 में जहां 38.89 लाख पीएनआर ऑटो कैंसिल हुए थे, वहीं 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 1.65 करोड़ हो गई। यानी एक साल में यह संख्या लगभग 4 गुना बढ़ गई।  

यहां इस खबर को 5 प्वाइंट्स में ऐसे समझिए 

How to check PNR Status on Indian Railway site - Krazy Post

वेटिंग टिकट पर समस्या: पिछले तीन सालों में लगभग 9 करोड़ यात्रियों के टिकट वेटिंग लिस्ट के कारण रद्द हुए, जिससे उन्हें यात्रा से वंचित रहना पड़ा।

ऑटो कैंसिल का डेटा: 2024-25 में 2.14 करोड़ पीएनआर (पैसेंजर नेम रिकॉर्ड) ऑटो कैंसिल हुए, जिसमें 3.27 करोड़ यात्री प्रभावित हुए।

वेटिंग लिस्ट में वृद्धि: हर साल वेटिंग लिस्ट में लगभग 10% वृद्धि हो रही है, जिससे यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बदलनी पड़ रही है।

वेटिंग टिकट सीमा बढ़ाई गई: 1 जुलाई 2025 से एसी ट्रेनों के लिए वेटिंग टिकट की सीमा 60% और नॉन-एसी के लिए 30% तक बढ़ा दी गई है।

संकट का समाधान नहीं: भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, और विशेषज्ञों के अनुसार ट्रेनों की क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता है।

 

लगातार बढ़ रही वेटिंग टिकट की संख्या

यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है, क्योंकि वेटिंग टिकट की संख्या लगातार बढ़ रही है। आगामी वर्ष में यह संख्या 2 से 3 गुना बढ़ने का अनुमान है। 1 जुलाई 2025 से वेटिंग टिकट की सीमा एसी (AC) के लिए 60% और नॉन एसी (Non-AC) के लिए 30% कर दी गई है। इसका मतलब है कि पहले 100 सीटों पर 25 वेटिंग टिकट जारी किए जाते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 60 हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप टिकट कैंसिलेशन की समस्या लगातार बढ़ रही है। 

क्या कदम उठाए गए हैं?

रेलवे के विशेषज्ञ एस मणि के मुताबिक, वेटिंग लिस्ट की समस्या को खत्म करने के लिए रेलवे में क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है। हालांकि, सरकार ने 2023 में वेटिंग लिस्ट को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ट्रेनों की संख्या और प्रत्येक ट्रेन में डिब्बों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए गए हैं।

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वेटिंग टिकट का मतलब और समस्या का समाधान

वेटिंग टिकट वह टिकट होती है जो किसी यात्री को उसकी यात्रा के लिए सीट न मिलने पर दी जाती है। यदि वह टिकट चार्ट बनने तक कंफर्म नहीं हो पाती, तो वह ऑटोमैटिकली कैंसिल हो जाती है। यह समस्या उन यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बन जाती है जो अपनी यात्रा को लेकर आश्वस्त होते हैं। 

FAQ

रेलवे की वेटिंग टिकट की स्थिति में क्या बदलाव किया गया है?
रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से वेटिंग टिकट की सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब एसी (AC) ट्रेनों में वेटिंग टिकट की संख्या 60% तक बढ़ा दी गई है, जबकि नॉन एसी (Non-AC) ट्रेनों में यह सीमा 30% तक बढ़ाई गई है। इससे वेटिंग टिकट का प्रतिशत बढ़ सकता है और ऑटो कैंसिल की समस्या और गंभीर हो सकती है।
वेटिंग टिकट के कैंसिल होने से यात्रियों को क्या समस्याएँ होती हैं?
वेटिंग टिकट के कैंसिल होने पर यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ती है। यह उन लोगों के लिए और भी कष्टकारी होता है जो अंतिम समय में यात्रा की योजना बनाते हैं। खासकर जब वे ट्रेन पकड़ने के लिए तैयार होते हैं और उनकी उम्मीद के अनुसार उनका टिकट कंफर्म नहीं हो पाता।
क्या रेलवे वेटिंग लिस्ट को खत्म करने के लिए कुछ कदम उठा रहा है?
रेलवे में वेटिंग लिस्ट खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रेनों की क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता है। सरकार ने 2023 में वेटिंग लिस्ट खत्म करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए हैं।

 

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