दो भाइयों का प्यार... बेटी को मायरा में दी 80 बीघा जमीन, सोना-चांदी और करोड़ों कैश

राजस्थान के नागौर जिले में एक ऐतिहासिक मायरा भरा गया, जिसमें दो भाइयों ने अपनी इकलौती बेटी के लिए 13.71 करोड़ रुपए का तोहफा दिया। यह मायरा नकद, जमीन, गहनों और गाड़ियों से भरा था।

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Jitendra Shrivastava
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nagaur-mayra-record Photograph: (thesootr)

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राजस्थान में शादियों में मायरा भरने की परंपरा बेहद खास होती है, लेकिन नागौर में दो भाइयों ने इस परंपरा को एक नया आयाम दे दिया। अपनी इकलौती बेटी की शादी में उन्होंने 13.71 करोड़ रुपये का मायरा भरकर न केवल सामाजिक परंपराओं को निभाया, बल्कि एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया। इस मायरे में नकद, ज़मीन, गहने और कई कीमती चीजें शामिल थीं। आइए, जानते हैं इस भव्य मायरे की पूरी कहानी।

नागौर में भरा गया सबसे बड़ा मायरा

नागौर जिले के मेड़ता सिटी के शेखासनी गांव में यह भव्य मायरा भरा गया। इसे मेड़ता सिटी के दो व्यापारिक भाइयों, रामलाल और तुलछाराम फरड़ोदा ने अपनी बेटी संतोष के दो बेटों की शादी के अवसर पर दिया। यह मायरा अब तक का सबसे बड़ा मायरा बताया जा रहा है।

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मायरे में क्या-क्या मिला...

इस ऐतिहासिक मायरे में शामिल चीजों की सूची बेहद लंबी और कीमती है।

  • नकद राशि: 1.31 करोड़ रुपए
  • संपत्ति: 12 करोड़ रुपए की ज़मीन (जिसमें 6 प्लॉट्स और 80 बीघा कृषि भूमि शामिल है)
  • गहने: 1.6 किलो सोने की जूलरी और 5 किलो चांदी
  • वाहन: बोलेरो जीप और ट्रैक्टर
  • अन्य उपहार: 15 लाख रुपए के कपड़े और अन्य सामान

राजस्थान में मायरे की परंपरा

राजस्थान में मायरा भरना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें भाई अपनी बहन की शादी में सहयोग देते हैं। यह सहयोग नकद, ज़मीन, गहनों या अन्य उपहारों के रूप में होता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे समाज में सम्मानजनक माना जाता है।

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पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा

इससे पहले नागौर जिले में सबसे बड़ा मायरा 8 करोड़ रुपये का था, जो खींवसर इलाके के ढिंगसरा गांव में भरा गया था। लेकिन इस नए मायरे ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों में नागौर में एक करोड़ से अधिक के मायरे देखे गए हैं, जो इस परंपरा की बढ़ती भव्यता को दर्शाता है।

FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

राजस्थान में मायरा क्या होता है?
मायरा एक पारंपरिक प्रथा है, जिसमें भाई अपनी बहन की शादी में आर्थिक और भौतिक सहायता प्रदान करता है।
क्या मायरा भरना राजस्थान में अनिवार्य है?
यह परंपरा के अनुसार होता है, लेकिन अनिवार्य नहीं है। लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार मायरा भरते हैं।
इस मायरे ने कौन सा रिकॉर्ड तोड़ा?
नागौर जिले में अब तक का सबसे बड़ा मायरा 8 करोड़ रुपये का था, जिसे इस 13.71 करोड़ रुपये के मायरे ने पीछे छोड़ दिया।

 

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