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Khajuraho. सुप्रीम कोर्ट के CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले दिल्ली के वकील डॉ. राकेश किशोर कुमार बुधवार को पहुंचे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने जवारी मंदिर में प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) पर आरोप लगाए। उनका कहना था कि हिंदुओं के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है।
वकील राकेश किशोर कुमार ने मीडिया से कहा कि वे सीजेआई गवई के कहने पर खजुराहो आए हैं। उन्होंने बताया कि CJI ने मूर्ति के सामने ध्यान करने के लिए कहा था। वह उसी का पालन कर रहे हैं। बता दें कि इसी मंदिर के मामले को लेकर वकील राकेश किशोर कुमार चर्चा में आए थे।
वकील और उनके साथियों ने नहीं ली अनुमति
खजुराहो के सभी स्मारक आम पर्यटकों के लिए खुले हैं। वहां पूजा, अर्चना, ध्यान या योग करना मना है। राकेश किशोर और उनके सहयोगियों ने अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी। नियमों के उल्लंघन पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मंदिर के गर्भगृह में राकेश किशोर ने प्रार्थना
जवारी मंदिर के गर्भगृह में राकेश किशोर ने प्रार्थना की। उन्होंने भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित प्रतिमा के सामने प्रार्थना की। किशोर ने कहा कि वे मूर्ति की पुनर्स्थापना के बाद ही माल्यार्पण करेंगे। उन्होंने कहा, "मूर्ति खंडित नहीं होती, मानसिकता खंडित होती है। मूर्ति को पूजा योग्य बनाने के लिए उसके शीश को जोड़ दें और एक छोटी मूर्ति स्थापित करें।
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1958 में बनाए गए एक्ट को बदलने की जरुरत
राकेश किशोर ने भोजपुर मंदिर का उदाहरण दिया। वहां शिवलिंग टूटा था, फिर ASI ने पुनर्स्थापना की। दूसरा उदाहरण संभल की मस्जिद का है। वह भी ASI की देखरेख में है। किशोर ने कहा कि 1958 में बनाए गए एक्ट को अब बदलने की आवश्यकता है। मूर्तियों की पुनर्स्थापना और पूजा पहले की जानी चाहिए। उसके बाद कानून लागू होना चाहिए।
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सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर कुमार ने CJI बीआर गवई की तरफ जूता फेंका। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
जूता सीजेआई की बेंच तक नहीं पहुंच सका। सुरक्षाकर्मियों ने राकेश को तुरंत पकड़ लिया। बाहर जाते वक्त उन्होंने नारा लगाया- "सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। घटना के बाद CJI ने वकीलों से दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा, "इससे परेशान न हों, मुझे फर्क नहीं पड़ता।
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राकेश किशोर के साथ मंदिर में अन्य लोग
वकील राकेश किशोर के साथ मंदिर में अन्य लोग भी थे। राम राज मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ऋषि राजेंद्र सिंह नरूका वहां थे। श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के मुख्य पक्षकार कौशल किशोर ठाकुर भी मौजूद थे। सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर भी पूजा में शामिल हुए। गाजियाबाद डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी साथ थे।
ASI के अधिकारी दीक्षांत चावरे सुरक्षाकर्मियों के साथ मंदिर में थे। पूजा के बाद उन्होंने सभी को मंदिर खाली करने को कहा। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि वे बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
क्या कहा था CJI गवई ने
वकील डॉ. राकेश किशोर कुमार CJI गवई की टिप्पणियों से नाराज थे। CJI ने 16 सितंबर को मूर्ति बहाली की याचिका खारिज की। उन्होंने कहा, जाओ और भगवान से खुद करने को कहो।" "तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, उनसे प्रार्थना करो।
बार एसोसिएशन रद्द कर चुकी है लाइसेंस
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द किया। उनका रजिस्ट्रेशन 2011 का था। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी उन्हें निलंबित किया। बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह वकीलों के आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।
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