सफेद शर्ट-काले पैंट पर केवल वकीलों का हक, बार एसोसिएशन का निर्णय, जानें कहा लागू हुआ नया नियम
रोहिणी कोर्ट ने सफेद शर्ट और काली पैंट पहनने पर प्रतिबंध लगाया है। रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों और अधिवक्ताओं की गरिमा बनाए रखने के लिए लिया गया है। जानें बार एसोसिएशन के इस फैसले के बारे में विस्तार से।
दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में बार एसोसिएशन के एक निर्णय ने कोर्ट में आने वाले हर व्यक्ति को अचरज में डाल दिया है। यहां रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि अब केवल अधिवक्ता को ही कोर्ट परिसर में सफेद शर्ट और काली पैंट पहनने की अनुमति होगी।
अन्य कोई व्यक्ति, चाहे वह न्यायालय का कर्मचारी हो, या फिर कोर्ट पेशियों पर आने वाले फरियादी या आम जनता। किसी को भी अब सफेद शर्ट व काली पेंट पहनकर आने पर न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय कोर्ट परिसर में सुरक्षा बनाए रखने व अविधक्ताओं की गरिमा बनाए रखने के लिए लिया गया है।
वकीलों की सुरक्षा के लिए लिया निर्णय
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया है। बार एसोसिएशन के सचिव प्रदीप खत्री द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है कि केवल वकील इस विशेष पोशाक में न्यायालय परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।
ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कई बार असामाजिक तत्व वकीलों की तरह कपड़े पहनकर कोर्ट परिसर में घुसने की कोशिश करते हैं, जिससे सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है।
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पेशेवर अधिवक्ताओं की पहचान है ड्रेस कोड
बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव तहलान ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए वकील की पोशाक (Lawyer Dress Code) तय है। सफेद(white) शर्ट, काली पैंट और काला कोट आज अधिवक्ताओं की पहचान बन चुके है। यह पोशाक वकील को एक प्रोफेशनल (Professional) पहचान देती है।
कई बार लोग इस पहचान का गलत उपयोग कर लेते है। इससे उनके प्रोफेशन की छवि भी खराब होती है। इस निर्णय के बाद अदालत परिसर में पेशेवर वकीलों की आसानी से पहचान हो सकेगी।
शार्ट में समझे बार एसोसिएशन के इस निर्णय को
प्रतिबंधित पोशाक: रोहिणी कोर्ट में सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर कोई भी व्यक्ति, सिवाय वकीलों के, न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
सुरक्षा कारण: यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है, ताकि असामाजिक तत्व वकील की पोशाक पहनकर कोर्ट परिसर में घुसने की कोशिश न करें।
वकीलों की पेशेवर पहचान: सफेद शर्ट और काली पैंट वकीलों के लिए एक पेशेवर पहचान और गरिमा का प्रतीक मानी जाती है, जिसे सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सुरक्षा निगरानी: कोर्ट परिसर में सफेद शर्ट और काली पैंट पहने हुए किसी भी व्यक्ति पर सुरक्षा स्टाफ और बार एसोसिएशन की निगरानी रखी जाएगी।
कानूनी कार्रवाई: यदि कोई व्यक्ति इस पोशाक में कोर्ट परिसर में प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नियम तोड़ा तो होगी कानूनी कार्रवाई
एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव तहलान ने इस निर्णय को लेकर कहा कि यह केवल अधिवक्ताओं की सुरक्षा को मजबूर करने के लिए उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अदालत परिसर में अन्य लोगों की पहचान में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि अदालत परिसर के सभी सुरक्षाकर्मी और बार एसोसिएशन के सदस्य सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर आने वाले व्यक्ति पर कडी नजर रखेंगे। अगर कोई व्यक्ति बिना किसी वैध कारण के इस ड्रेस कोड में कोर्ट परिसर में प्रवेश करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के इस निर्णय ने अब देश के अन्य शहरों के अधिवक्ताओं को भी एक मौका दे दिया है। यह अधिवक्ता अपने-अपने शहरों के कोर्ट परिसर में इसी प्रकार ड्रेस कोड लागू करने की मांग कर सकते है।
विशेषकर ऐसे शहर के अधिवक्ता जहां क्राइम रेट अधिक है या फिर आतंकी घटनाओं का अंदेशा बना रहता है, वहां अधिवक्ता कोर्ट परिसर में इस प्रकार ड्रेस कोड लागू करने की मांग उठा सकते है। यह निर्णय देशभर की संवेदनशील मानी जाने वाली अदालतों में काम करने वाले अधिवक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है।