BANGALORE. 24 अगस्त की सुबह चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतर चुका है। इस तरह इसरो का मिशन चंद्रयान-3 पूरी तरह से सफल हो चुका है। बता दें कि इसरो की तरफ से यह जानकारी सामने आई थी कि लैंडर से रोवर प्रज्ञान निकलने में पूरा एक दिन भी ले सकता है। रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर उतरने की तस्वीरें इसरो की ओर से जारी की गई हैं। बता दें कि भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करने वाला पहला देश बन चुका है। हाल ही में रूस के लूना ने यह कोशिश की थी जो असफल साबित हुई।
➡ लैंडर विक्रम से बाहर निकला रोवर प्रज्ञान
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— TheSootr (@TheSootr) August 24, 2023
यह काम करेगा प्रज्ञान
रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर घूम-घूमकर इसकी आने वाले भूकंपों समेत अनेक जानकारियों का पता लगाएगा। यह चंद्रमा की सतह की फोटो लेकर लैंडर विक्रम की मदद से धरती तक भेजेगा। यह भी खबर है कि रोवर प्रज्ञान के पहियों पर अशोक स्तंभ की छाप बनाई गई है। जो चांद की सतह पर अशोक स्तंभ और इसरो की छाप छोड़ेंगे।
अगले 14 दिन काफी अहम
चांद की सतह पर चहलकदमी कर रहा रोवर प्रज्ञान आने वाले 14 दिनों तक चांद की सतह का मुआयना करेगा। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जमा बर्फ का भी मुआयना करेगा। इसरो डायरेक्टर एस सोमनाथ का कहना है कि अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत अहम हैं। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण की जानकारी देगा। हमारे कई मिशन फ्लोर पर हैं। जल्द ही हम सूर्य पर आदित्य एल-1 भेजने वाले हैं। वहीं गगनयान पर भी काम जारी है।
14 दिन बाद क्या होगा?
दरअसल 14 दिन बाद चंद्रमा पर रात हो जाएगी। ऐसे में वहां का तापमान -100 डिग्री से भी कम हो जाएगा। इतनी ठंड में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम करना बंद कर देंगे। इसलिए आने वाले 14 दिन जब तक चंद्रमा पर सुबह है तभी तक विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान पर लगे सौर पैनल उन्हें चार्ज कर ऊर्जा पहुंचा पाएंगे। इसके बाद रात के अंधेरे में वे काम करना बंद कर देंगे।