मोहन भागवत बोले- लिव इन में रहने वाले नहीं निभाते जिम्मेदारी, बच्चे तीन ही अच्छे

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लिव-इन रिलेशनशिप पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी से बचने का तरीका है। साथ ही भागवत ने परिवार की अहमियत भी बताई है।

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Amresh Kushwaha
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोग जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं।

उनका मानना है कि ये लोग परिवार की जिम्मेदारी से भागते हैं। भागवत ने परिवार और शादी के महत्व पर भी जोर दिया। उनके अनुसार, शादी सिर्फ शारीरिक संतुष्टि नहीं होती, बल्कि यह समाज की एक अहम इकाई है।

आरएसएस प्रमुख ने बताया परिवार का महत्व

RSS के 100 साल पूरे होने पर 21 दिसंबर को कोलकाता में एक कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि परिवार वह जगह है, जहां व्यक्ति समाज और उसके मूल्य सीखता है।
उन्होंने यह भी बताया कि परिवार संस्कृति और अर्थव्यवस्था का संगम है। परिवार समाज को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है। समाज के मूल्य परिवार से ही आते हैं, इसलिए यह समाज का मूल स्तंभ है।

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तीन बच्चों को आदर्श मानते हैं भागवत

मोहन भागवत ने परिवार और बच्चों के बारे में अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या या शादी की उम्र का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। हालांकि, रिसर्च के अनुसार, तीन बच्चे आदर्श हो सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि शादी के लिए 19 से 25 साल की उम्र सबसे उपयुक्त हो सकती है। इस उम्र में माता-पिता और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इस बारे में उन्होंने डॉक्टरों से भी जानकारी ली, जिन्होंने इसे स्वस्थ परिवार के लिए अच्छा माना।

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लिव-इन रिलेशनशिप पर भागवत का बयान

  • मोहन भागवत ने लिव-इन रिलेशनशिप पर कहा कि इसमें रहने वाले लोग जिम्मेदारी नहीं निभाते और परिवार की जिम्मेदारी से भागते हैं।

  • परिवार को समाज और संस्कृति का अहम हिस्सा मानते हुए भागवत ने बताया कि परिवार समाज को आकार देता है और यह समाज का मूल स्तंभ है।

  • मोहन भागवत ने तीन बच्चों को आदर्श माना और बताया कि शादी के लिए 19 से 25 साल की उम्र सबसे उपयुक्त है।

  • उन्होंने भारत की जनसंख्या को बोझ नहीं, बल्कि संपत्ति मानते हुए इसे सही तरीके से प्रबंधित करने की आवश्यकता बताई।

  • RSS की पहचान के बारे में भागवत ने कहा कि यह सिर्फ हिंदुओं की सुरक्षा और राष्ट्रवाद से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका मुस्लिम विरोध से कोई संबंध नहीं है।

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जनसंख्या सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि एक बड़ी संपत्ति

भागवत ने भारत की जनसंख्या को सही तरीके से प्रबंधित करने की जरूरत बताई। उनका कहना था कि हमारी जनसंख्या सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि एक बड़ी संपत्ति हो सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमें 50 साल के अनुमान पर आधारित एक पॉलिसी बनानी चाहिए। यह पॉलिसी देश के पर्यावरण, इंफ्रास्ट्रक्चर, महिलाओं की स्थिति और स्वास्थ्य को ध्यान में रखे।

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भागवत ने बताई RSS की सही पहचान

भागवत ने RSS की पहचान को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि लोग समझने लगे हैं कि RSS सिर्फ हिंदुओं की सुरक्षा की बात करता है और राष्ट्रवादी है। हालांकि, इसका मुस्लिम विरोध से कोई संबंध नहीं है।

भागवत ने बताया कि संगठन अपनी सही पहचान लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास करेगा। लेकिन, जो सीखना नहीं चाहता, उसकी मदद नहीं की जा सकती।

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