नमक का अधिक उपयोग : कई छिपी बीमारियों का खतरा, जानें रोजाना कितना खाएं नमक
नमक का अत्यधिक सेवन भारत में एक 'छिपी हुई महामारी' को बढ़ावा दे रहा है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के उपायों को जानें।
नमक ( Salt ) हमारे भोजन का आवश्यक हिस्सा है। यह खाने का स्वाद बढ़ाता है और शरीर के लिए फायदेमंद है। नमक पानी के संतुलन को बनाए रखने, मांसपेशियों के काम करने और तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
हालांकि, नमक का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा करता है।
अधिक नमक बीमारियों का आमंत्रण
भारत में नमक का अत्यधिक सेवन एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह एक 'छिपी हुई महामारी' के रूप में सामने आ रहा है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों के अनुसार, नमक का अधिक सेवन हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension), स्ट्रोक, हृदय रोग और किडनी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
नमक का अत्यधिक सेवन विशेष रूप से हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) का कारण बन सकता है। जब नमक शरीर में अधिक मात्रा में होता है, तो शरीर में सोडियम का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यह हृदय और किडनी पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. पीयूष रंजन के अनुसार, "लगातार नमक का सेवन हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा हुआ है, जो एक मल्टीसिस्टमिक बीमारी है।"
अधिक नमक खाने से ये असर
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension): यह सबसे सामान्य प्रभाव है, जो हृदय और किडनी को नुकसान पहुंचाता है।
स्ट्रोक (Stroke): उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
हृदय रोग (Heart Disease): नमक के अधिक सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
किडनी की समस्या (Kidney Issues): अत्यधिक नमक किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे किडनी की बीमारी हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश है कि एक व्यक्ति को रोजाना 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए। यह लगभग एक चम्मच के बराबर होता है। लेकिन, भारतीयों में नमक का औसतन सेवन इस सीमा से कहीं अधिक होता है।
शहरी क्षेत्रों में लोग औसतन 9.2 ग्राम नमक रोज खाते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह मात्रा 5.6 ग्राम प्रति दिन है। यह मात्रा WHO द्वारा निर्धारित सीमा से कहीं अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
सिर्फ घर के पके खाने में ही नहीं, बल्कि पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स में भी छिपा हुआ नमक पाया जाता है। इन उत्पादों में नमक की मात्रा अत्यधिक होती है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में छिपा हुआ नमक होता है-
अचार (Pickles)
पापड़ (Papad)
पैकेज्ड फूड्स (Packaged Foods): जैसे चिप्स, नमकीन, सॉस, रेडी-टू-ईट आइटम्स।
प्रोसेस्ड फूड्स (Processed Foods): जैसे सॉसेज, नूडल्स, केचप, बिस्किट आदि।
इनमें अत्यधिक नमक होता है, इसलिए इनका सेवन सीमित करना चाहिए और हमेशा इन उत्पादों के लेबल पर सोडियम की मात्रा की जांच करनी चाहिए।
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ऐसे नियंत्रित करें नमक का सेवन
पैकेज्ड फूड से बचें: पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें, क्योंकि इनमें छिपा हुआ नमक होता है।
घर के खाने में नमक की मात्रा नियंत्रित करें: खाना बनाते समय नमक की मात्रा पर ध्यान दें और जरूरत से ज्यादा नमक न डालें।
स्वस्थ खाने की आदतें अपनाएं: ताजे फल, सब्जियां और अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, जो स्वाभाविक रूप से कम नमक वाले होते हैं।
नमक का विकल्प ढूंढें: मसाले, जड़ी-बूटियां और अन्य प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें, जो स्वाद को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं बिना नमक के।