शेयर बाजार पांचवें दिन भी धड़ाम, Sensex में 1200 अंकों की गिरावट, अडानी के शेयरों में उछाल

शेयर मार्केट में लगातार पांचवें दिन भी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 1,200 अंक से ज्यादा गिरा। सभी प्रमुख सेक्टर लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 3.9 प्रतिशत गिर गया वहीं मिडकैप इंडेक्स 3.5 प्रतिशत तक लुढ़का।

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Vikram Jain
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stock market decline reasons february 2025
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आज मंगलवार (11 फरवरी 2025) को शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट का सामना करना पड़ा। बैंकिंग, ऑटो, मेटल और IT क्षेत्र के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। घरेलू कमजोर आय और अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर चिंता ने निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया। BSE सेंसेक्स 1,200 अंक से अधिक लुढ़का। बीएसई सेंसेक्स ने 1.59% की गिरावट के साथ 76,084 पर कारोबार कर रहा था। जबकि निफ्टी 23,000 के नीचे चला गया। इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 9.87 लाख करोड़ रुपए घटकर 407.95 लाख करोड़ रुपए रह गया।

सभी प्रमुख सेक्टर लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 3.9 प्रतिशत गिर गया वहीं मिडकैप इंडेक्स 3.5 प्रतिशत तक लुढ़का। ICICI Bank, HDFC Bank, और Kotak Mahindra Bank के शेयरों में 3 प्रतिशत तक का नुकसान देखा गया। इन बैंकों ने सेंसेक्स की टोटल गिरावट में 270 अंक का योगदान दिया। आइए जानते हैं कि आज (मंगलवार) को शेयर बाजार में आई गिरावट के मुख्य कारण…

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क्यों गिर रहा शेयर बाजार?

अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से चिंता: अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ में बढ़ोतरी बाजार में गिरावट का पहला कारण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25% टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य संघर्ष कर रहे उद्योगों का समर्थन करना है। जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ी है। इस निर्णय से भारत सहित अन्य देशों की एक्सपोर्ट गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने अनुसार नए टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे।

फेडरल रिजर्व की महत्वपूर्ण बैठक: अमेरिका के फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की आगामी सीनेट में पेशी पर निवेशकों की नजरें टिकी हुई हैं। यह पेशी सीनेट की बैंकिंग, हाउसिंग और शहरी मामलों की समिति के समक्ष होनी है। टैरिफ और महंगाई पर उनकी टिप्पणी से मौद्रिक नीति पर आगामी निर्णयों का संकेत मिल सकता है, जिससे बाजार पर असर पड़ सकता है।

विदेशी संस्थागत निवेशकों का निरंतर बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली भी गिरावट का कारण है। NSDL के आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में 9.94 बिलियन डॉलर की बिकवाली की है, जिससे बाजार में और गिरावट देखी गई है।

बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स की वृद्धि: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेज वृद्धि ने बाजार की धारणा को और ज्यादा प्रभावित किया है। यूएस 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड अब 4.495 प्रतिशत है, अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और डॉलर का मजबूत होना उभरते बाजारों में पूंजी का आउटफ्लो बढ़ा रहा है, जिससे बाजार की धारणा कमजोर हो रही है।

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अडानी समूह को राहत

प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अडानी समूह को बड़ी राहत मिल रही है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी है, जिससे अडानी समूह के कुछ शेयरों में तेजी आई है। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 4 फीसदी उछाल के साथ 2397 रुपए पर पहुंचा, अडानी पावर भी करीब 4 प्रतिशत बढ़ा।

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