40 साल पुरानी दोस्ती की मिसाल, एक मंडप में युनूस का निकाह, सौरभ ने लिए फेरे

कोटा में दो दोस्तों ने अपनी 40 साल पुरानी दोस्ती की मिसाल पेश की। एक ही मंडप में दोनों के बेटों की शादी हुई, जो समाज में सौहार्द और भाईचारे की नई परिभाषा बन गई।

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Jitendra Shrivastava
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राजस्थान के कोटा शहर में हाल ही में एक ऐसी शादी हुई, जो न केवल एक खूबसूरत विवाह समारोह था, बल्कि यह समाज में सौहार्द और भाईचारे की मिसाल भी बन गई। यहां दो 40 साल पुरानी दोस्ती के बंधन को बेटों के विवाह के रूप में एक नई ऊंचाई दी गई। युनूस परवेज और विश्वजीत चक्रवर्ती, जिनकी दोस्ती बचपन से लेकर आज तक कायम है, दोनों ने एक ही मंडप में अपने बेटों की शादी का आयोजन किया। यह विवाह समारोह अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के बीच एकता का प्रतीक बन गया।

एक मंडप में एक अनोखा और ऐतिहासिक दृश्य

इस अनोखी शादी में, जहां एक ओर अब्दुल रऊफ के बेटे युनूस परवेज अंसारी का निकाह हुआ, वहीं दूसरी ओर विश्वजीत चक्रवर्ती के बेटे सौरभ ने सनातन रीति-रिवाज से सात फेरे लिए। दोनों शादी समारोह एक ही पंडाल में आयोजित किए गए, जिससे यह दृश्य और भी खास बन गया। यह न केवल एक परिवार की खुशी का पल था, बल्कि यह दोनों समुदायों के बीच गहरी दोस्ती और भाईचारे की मिसाल भी था।

40 साल पुरानी दोस्ती: बचपन से लेकर व्यापार तक

अब्दुल रऊफ और विश्वजीत चक्रवर्ती की दोस्ती 40 साल पुरानी है। पहले वे पड़ोसी थे, फिर दोनों ने मिलकर एक मकान बनाया और इसके बाद साझे में व्यापार भी शुरू किया। उनकी यह गहरी दोस्ती दोनों के परिवारों के बीच भी दिखी। जब उनके बेटों की शादी का समय आया, तो दोनों ने तय किया कि वे एक साथ और एक ही मंडप में अपने बेटों की शादी करेंगे। इस तरह से इस शादी ने दोस्ती और एकता का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया।

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साझा शादी का कार्ड: दो धर्मों की एकता का प्रतीक

यह शादी समारोह दो अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के मिलन का प्रतीक बन गया। शादी का कार्ड साझा छापा गया, जिसमें दोनों धर्मों की परंपराएं और आयोजन दर्ज थे। इस कार्ड में जहां एक ओर युनूस का निकाह था, वहीं दूसरी ओर सौरभ की शादी के सात फेरे थे। इस कार्ड ने समाज में यह संदेश दिया कि धर्म चाहे कुछ भी हो, लेकिन दिल और इंसानियत में कोई फर्क नहीं होता।

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दो दिन चला समारोह, तीसरे दिन साझा रिसेप्शन

यह शादी का आयोजन 17 से 19 अप्रैल 2025 तक चला। 17 अप्रैल को युनूस का निकाह फरहीन अंसारी से हुआ, जबकि अगले दिन 18 अप्रैल को सौरभ ने श्रेष्ठा राय के साथ सात फेरे लिए। दोनों समारोह को कोटा के चंद्रेसल रोड स्थित एक रिसोर्ट में आयोजित किया गया। शादी के तीसरे दिन यानी 19 अप्रैल को दोनों परिवारों ने एक साथ साझा रिसेप्शन आयोजित किया, जिसमें मेहमानों का स्वागत और आनंद का अनुभव किया गया।

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जिम्मेदारियों और दोस्ती का अनोखा उदाहरण

इस विवाह समारोह में दोनों परिवारों ने एक-दूसरे की जिम्मेदारियों को दिल से निभाया। जब युनूस का निकाह हुआ, तो विश्वजीत चक्रवर्ती और उनका परिवार पूरी मेहमाननवाजी का ध्यान रखते हुए हर पहलू पर ध्यान दे रहे थे। वहीं, सौरभ के विवाह में अब्दुल रऊफ और उनके परिवार ने सभी जिम्मेदारियां निभाईं। यह दोस्ती और भाईचारे का असली उदाहरण था, जो इस शादी के हर पहलू में झलकता था।

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लोगों ने कहा: ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा

इस अनोखी शादी को देखने आए मेहमानों ने कहा कि यह सिर्फ एक विवाह नहीं, बल्कि समाज में सामूहिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश था। समारोह में शामिल होकर लोगों को यह एहसास हुआ कि धर्म और संस्कृति की भिन्नताएं केवल बाहरी हैं, असली संबंध तो दिल से होते हैं। इस शादी ने यह दिखाया कि सही दोस्ती और सम्मान से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। देश दुनिया न्यूज

 

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