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NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकारी कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम बनाने का फैसला किया है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि आदेश एक-दो दिन में अपलोड होगा। सभी राज्यों के मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होने से राहत दी गई है।
जस्टिस नाथ ने कहा कि दादर, नगर हवेली, दमन और दीव को छोड़कर सभी राज्यों ने हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। अब मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत पेशी की जरूरत नहीं होगी। हलफनामे में चूक होने पर उन्हें पेश होना पड़ेगा। मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी।
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कोर्ट ने दिया था मुख्य सचिवों को पेश होने का निर्देश
31 अक्टूबर को कोर्ट ने मुख्य सचिवों को पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को बुलाया था। वे कोर्ट के आदेश के बावजूद हलफनामा दाखिल नहीं कर पाए थे। यह हलफनामा पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुपालन से संबंधित था।
जस्टिस नाथ ने कहा कि मुख्य सचिवों से हलफनामा मांगा, तो वे चुप रहते हैं। हमारे आदेश का कोई सम्मान नहीं है। उन्हें आने दीजिए, हम उनसे निपट लेंगे।
कोर्ट ने मुख्य सचिवों पर जताई थी नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया था। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने हलफनामा दिया है। कोर्ट ने कहा कि बाकी राज्यों ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों पर रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।
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हाईकोर्ट में लंबित मामले सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किए जाएं
जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि नेशनल लेवल पर पॉलिसी बननी चाहिए। हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया है। बाकी हाईकोर्ट में लंबित मामले सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किए जाएं। अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद अक्टूबर में होगी।
कुत्तों को नसबंदी के बाद छोड़ने का था आदेश
कुत्तों से जुड़े केस की सुनवाई 22 अगस्त को हुई थी। कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें वहीं छोड़ दिया जाए। रेबीज से संक्रमित और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के आदेश को कठोर बताया। उस आदेश में कुत्तों को दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम भेजने का निर्देश था।
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