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Photograph: (the sootr)
मैं आवारा कुत्तों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे न केवल देश में बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध किया।
यह बात जस्टिस विक्रम नाथ ने तिरुवनंतपुरम में नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) द्वारा आयोजित सम्मेलन में कही। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से न्यायिक प्रक्रिया से जुडे़ हुए है, लेकिन अभी तक वे छोटे-मोटे केसों के कारण जाने जाते थे, लेकिन इस केस ने उन्हें न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में पहचान दिलवाई है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस फैसले को लेकर भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने यह केस उन्हें सौंपा था।
राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता पर जोर
जस्टिस विक्रम नाथ ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा कि इस मामले में एक राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनानी चाहिए, जो देशभर में समान रूप से लागू हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिन हाईकोर्टों में इस मामले से संबंधित केस लंबित हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए।
इस नीति के लागू होने के बाद, सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, और इसके उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उन्हें उसी स्थान पर छोड़ने का आदेश दिया गया। इस फैसले का असर न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश के बयान को ऐसे समझें
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पब्ल्कि प्लेस पर खाना देने पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के बारे में एक गंभीर और सटीक नीति बनाने की आवश्यकता को महसूस करते हुए कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए। इसके अलावा, कोर्ट ने 11 अगस्त के फैसले पर रोक लगाते हुए यह आदेश दिया कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाएगा, उनका रैबीज वैक्सीनेशन कर उन्हें उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से वे पकड़े गए थे।
साथ ही, कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इससे पहले, कई जगहों पर कुत्तों को गलत तरीके से खाना खिलाने से हिंसक घटनाएं सामने आई थीं।
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अक्टूबर में अगली सुनवाई
आवारा कुत्तों के मुद्दे पर अगली सुनवाई अक्टूबर के महीने में होगी, जिसमें इस फैसले को और विस्तार से लागू करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में किसी भी संस्था को सरकारी कार्यों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी।
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