महिला वकील ने CJI के कोर्ट में किया हंगामा, सुरक्षाकर्मियों को करना पड़ा बाहर

सुप्रीम कोर्ट में 3 दिसंबर को एक महिला वकील ने चीफ जस्टिस की अदालत में हंगामा किया। महिला ने बार-बार अदालत से बाहर जाने से इंकार किया। इसके कारण कोर्ट की कार्यवाही बाधित हुई।

author-image
Neel Tiwari
New Update
sc high voltage drama

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

NEW DELHI. सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार, 3 दिसंबर को एक अजीब अफरा-तफरी का माहौल बन गया। चीफ जस्टिस की अदालत में एक महिला वकील ने अचानक जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि अदालत की गरिमा बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों को उन्हें कोर्ट रूम से बाहर निकालना पड़ा। वकील ने बेंच के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोर्ट रूम छोड़ने से इनकार कर दिया। वह अपनी बात पर अड़ी रहीं, जिसके कारण कोर्ट की कार्यवाही में बाधा आई।

यह खबरें भी पढ़ें...

बहू ने सास-ससुर की देखभाल से किया इनकार, जबलपुर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

जबलपुर के हिल्टन गार्डन इन में बासी खाना, वेज फ्रीजर में चिकन, फाइव स्टार दावों की खुली पोल

क्या था पूरा मामला?

यह घटना चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बैंच के समक्ष हुई। महिला वकील ने अदालत की रोस्टर लिस्ट से बाहर जाकर मौखिक रूप से एक मामले का उल्लेख किया। वकील ने दावा किया कि उनके करीबी दोस्त की हत्या हुई है। वह दोस्त को 'भाई' कहकर बुलाती थीं। यह हत्या दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में की गई थी। उस समय वह वकील खुद मुंबई में मौजूद थीं।

वकील ने पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए। उस अधिकारी ने पहले उनकी FIR दर्ज करने से मना किया था। अब उसी को जांच अधिकारी (IO) नियुक्त किया गया है। यह फैसला न्याय पर सवाल उठाता है। जब CJI ने उन्हें उचित प्रक्रिया से याचिका दायर करने की सलाह दी। ताकि अदालत मामले की विधिवत जांच कर सके। वकील ने भावुक होकर जवाब दिया, "मैं डिप्रेशन में हूँ, मैं यह कर दूंगी...."।

सुप्रीम कोर्ट में महिला वकील का हंगामा को ऐसे समझें 

  • 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में महिला वकील ने CJI की कोर्ट में हंगामा किया, अदालत की कार्यवाही में बाधा डाली।
  • महिला वकील ने अपने दोस्त की हत्या का मामला उठाया, दावा किया पुलिस अधिकारी ने FIR दर्ज करने से इनकार किया था।
  • CJI ने महिला वकील को उचित प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी, लेकिन वह नहीं मानीं और अपनी बात पर अड़ी रहीं।
  • महिला वकील ने सुरक्षा कर्मियों से कहा, "मुझसे बदतमीजी मत करो", और शोर मचाया, जिससे कोर्ट की कार्यवाही कुछ समय के लिए रुक गई।
  • आखिरकार, महिला वकील को अदालत से बाहर निकाल दिया गया, जबकि वे अपनी बात अदालत तक पहुंचाने का दावा कर रही थीं।

CJI की सलाह को किया अनसुना

चीफ जस्टिस ने वकील को सलाह दी थी। उन्होंने बार सदस्यों से मदद लेने को कहा। यह मदद कानूनी कदम उठाने के लिए थी। इसके बाद CJI ने अगली सुनवाई शुरू की।

मगर, महिला वकील ने दलीलें देना जारी रखा। वह अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं थीं। कोर्ट का अनुशासन टूट रहा था। जस्टिस उज्जवल भुइयां ने वकील को टोका। उन्होंने CJI की बात ध्यान से सुनने को कहा। लेकिन वकील अपनी आशंकाएं दोहराती रहीं। 

वह अपनी और अपने 'भाई' की सुरक्षा की बात कह रही थीं। उनका बस यह कहना था कि वह अपनी बात पहुंचाना चाहती हैं। वह चाहती थीं कि अदालत उनकी बात सुने।

यह खबरें भी पढ़ें...

जबलपुर हाईकोर्ट में NHM अधिकारी विजय पांडे की अवैध नियुक्ति पर सुनवाई, संबंधित विभागों को नोटिस

भोपाल के बड़ा तालाब में बुधवार से तैरेंगे 20 शिकारे, सीएम मोहन यादव करेंगे लोकार्पण

धक्का-मुक्की और कोर्ट का सन्नाटा

कोर्ट मार्शल के सुरक्षाकर्मी उनके पास पहुंचे। वे वकील को बाहर निकालने के लिए आए थे। वकील ने उन पर ज़ोर से चिल्लाना शुरू किया। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा, "बदतमीजी मत करो। मुझे मत छूना।" यह व्यवहार कोर्ट की मर्यादा के खिलाफ था।

कोर्ट की गरिमा बनाए रखनी थी। एक अन्य महिला वकील ने उन्हें समझाया। लेकिन वकील ने उन्हें भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, "मुझसे ऐसे बात मत करो।"

वकील लगातार जोर से बोल रही थीं। उनके हंगामे के कारण कार्यवाही रुकी। कोर्ट को कुछ देर के लिए म्यूट करना पड़ा। काफी विरोध के बाद उन्हें बाहिर निकाला गया।

सुप्रीम कोर्ट CJI सर्वोच्च न्यायालय महिला वकील चीफ जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में महिला वकील का हंगामा
Advertisment